परामर्श तकनीक एवं बाल संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन सम्पन हुआ।- कैनविज टाइम्स

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लखनऊ (वहाब उद्दीन सिद्दीक़ी) राजधानी में आज चाइल्डलाइन लखनऊ द्वारा डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्विद्यालय के सामाजिक विज्ञान, समाजशास्त्र एवं समाज कार्य विभाग के छात्रों के लिए एक दिवसीय परामर्श तकनीक एवं बाल अधिकार संरक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

जिसका शुभारम्भ समाजकार्य विभाग के डा. विवेक सिंह, डा. अर्चना सिंह द्वारा किया गया जिसमे चाइल्डलाइन लखनऊ के निदेशक अंशुमालि शर्मा ने बाल संरक्षण पर बात करते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय बाल अधिकार समझौता होने के बाद से भारत में भी बाल संरक्षण में काफी बदलाव आ गये हैं जो कि आवश्यकतानुसार न होकर अधिकार के आधार पर संरक्षित किये जा रहे है जिसके लिए सरकार द्वारा भी समय समय पर विभिन्न तरह के कानून व बिल भी लाये गये जिसमे किशोर न्याय (देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, पाक्सो एक्ट, बाल बिवाह प्रतिषेध अधिनियम के साथ साथ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बारे में विस्तृत चर्चा की, समाज में बच्चों के प्रति बढती हिंसा, यौन अपराध व शोषण से बचाव पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए चाइल्डलाइन 1098 जैसे सेवाएँ कार्यरत है जिन पर आसानी से कॉल करके बच्चों की मदद की जा सकती है। दूसरे सत्र में श्री जय नारायण पी.जी. कॉलेज के शिक्षाशास्त्र विभाग की डा. रश्मि सोनी ने काउंसिलिंग तकनीकि पर व्याख्यान देते हुए कहा कि समाज कार्य व समाजशास्त्र के छात्रों के लिए यह एक महत्वपूर्ण सत्र है जिसमे काउंसिलिंग के समय क्या करें क्या न करें जान लेना बहुत आवश्यक है, उन्होंने काउंसिलिंग के समय अपनाई जाने वाली तकनीकि व एक अच्छे परामर्शदाता के गुणों के बारे में विस्तृत चर्चा कर जानकारी प्रदान की।

उक्त कार्यशाला में चाइल्डलाइन लखनऊ के केन्द्र समन्वयक अजीत कुशवाहा ने कहा कि समय-समय पर बच्चों के अधिकारों के संरक्षण एवं जागरूकता हेतु विभिन्न तरह के जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जिसके अन्तर्गत यह कार्यशाला की जा रही है, साथ ही उन्होंने कार्यशाला का महत्व व इसकी उपयोगिता के बारे जानकारी देते हुए चाइल्डलाइन की कार्यप्रणाली पर भी चर्चा की। उक्त अवसर पर प्रथम संस्था से अमर सिंह, रिया सिन्हा, विभाग से सभी शिक्षकों के साथ बृजेश वर्मा के साथ चाइल्डलाइन से अमरेन्द्र, कृष्णा शर्मा, राजेश सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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