राम जेठमलानी पंचतत्व में विलीन

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 प्रख्यात अधिवक्ता एवं राज्यसभा के सदस्य राम जेठमलानी का लंबी बिमारी के बाद 95 वर्ष की आयु में रविवार को यहां निधन हो गया। उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र महेश जेठमलानी ने उन्हें मुखाग्नि दी। भाजपा समेत विभिन्न दलों के नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता अंतिम संस्कार में मौजूद रहे। अंतिम संस्कार में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और  उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी शामिल हुए।

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम केंद्रीय मंत्रियों व विभिन्न दल के नेताओं ने जेठमलानी के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने परिजनों के साथ बातचीत कर उन्हें सांत्वना दिया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जेठमलानी के पुत्र महेश जेठमलानी ने बताया कि जेठमलानी ने अपने आवास में सुबह पौने आठ बजे अंतिम सांस ली। महेश और उनके अन्य निकट संबंधियों ने बताया कि उनकी तबीयत कुछ महीनों से ठीक नहीं थी। उनके बेटे ने बताया कि कुछ दिन बाद 14 सितम्बर को राम जेठमलानी का 96वां जन्मदिन आने वाला था।

जेठमलानी का जन्म 14 सितम्बर 1923 को सिंध प्रांत के शिकारपुर में हुआ था। उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में लॉ की डिग्री प्राप्त की थी। आजादी के बाद वह मुंबई आ गए जहां पर उन्होंने वकालत जारी रखी। उन्होंने कई बड़े केस लड़े थे। उनका सबसे पहला चर्चित केस 1959 का केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र राज्य था।

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