लखनऊ। (वहाब उद्दीन सिद्दीक़ी) राजधानी में माहे रबी उल अव्वल के बारवे दिन यानी 12 रबी उल अव्वल को इस्लाम के आखरी पैगम्बर, मुहम्मद साहब का जन्म और वफ़ात यानी इंतेक़ाल की दिन है। आज के दिन मुसलमा मुहम्मद साहब के जन्म की ख़ुशी मनाते हैं। इसी कड़ी में पुराने लखनऊ अमीनाबाद झंडे वाला पार्क से सुन्नी समुदाय के लोगो ने लाखों की संख्या में इकट्ठा हो कर मदहे सहाबा का जुलूस निकाला।
सालों से चली आ रही परम्परा को पूरे देश मे जुलूस की तर्ज पर झंडे निकाल कर और अंजुमनों द्वारा नबी की शान में नात, व मिलाद पढ़ कर हज़रत मुहम्मद साहब का दिन मनाते चले आ रहे हैं। आप को बता दें मौलाना ख़ालिद राशीद फिरंगी महली व अलीम मियां फ़ारूक़ी की अगुवाई में जुलूस ए मदेसाहबा अमीनाबाद स्तिथ झंडे वाले पार्क से सुबह 11:00 पर शुरू हुआ जो देर शाम 4:30 बजे मौलवीगंज, रकाबगंज, नक्खास, हैदरगंज होते हुए ऐशबाग ईदगाह पर शांतिपूर्वक समाप्त हुआ।
सुन्नी मजलिसे अमल के वालंटियर सुरक्षा में मुस्तैद नज़र आये।
इस दौरान मौलाना अलीम मियां फारूकी ने कहा हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के साथियों को सहाबी कहते हैं सहाबा इकराम का पूरी उम्मत के ऊपर हक है
उनसे मोहब्बत और उनसे अकीदत इजहार करने के लिए जुलूस ए से मदहे सहाबा निकाला जाता है हुजूर पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की खुशनुदी का सबब यह है कि उनकी सुन्नत व सहाबाओं की सुन्नत अख्तियार की जाए।
वहीं ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बताया की 12 रबी उल अव्वल का जुलूस पुरअमन तरीके से झंडेवाला पार्क से निकल ऐशबाग ईदगाह पहुंचा। इस जुलूस में सबसे खास बात यह रही कि कई ग़ैर मुस्लिम लोगों ने भी जगह जगह अपनी सबीलें लगा कर जुलूसे मदहे ए सहाबा में शामिल लोगों का इस्तेमाल किया। और जुलूस ए मदहे सहाबा के ईदगाह में पहुँचने पर इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया की तरफ से जलसा सीरतुन्नबी, सिरते सहाबा, तहफ़्फ़ुज़े शरीयत हुआ जिसमें उल्माए इकराम ने अवाम से अपील की के आप सीरतुन्नबी पर अमल करते हुए अपने बच्चों को आला से आला तालीम और उनकी सेहत की तरफ़ खुसूसी तवज्जो दें।
वहीं अगर सुरक्षा की बात की जाय तो घर की छतों से पुलिस निगरानी किये हुए थी और पीएसी, आर ए एफ के जवान चप्पे चप्पे पर तैनात दिखे।
वहीं जुलूस की सुरक्षा को ले कर वोन कैमरों के साथ साथ ड्रोन कैमरा भी ऊपर से नज़र बनाए हुए था।
12 राबीउव्वल के जुलूस को लेकर लखनऊ पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये थे।
जुलूस के दौरान किसी तरह की शांति व्यवस्था भंग ना होने पाए इसके लिए पूरे जुलूस मार्ग पर पुलिस की नजर थी। जुलूस में शामिल लोगों पर नजर रखने और सुरक्षा-व्यवस्था कायम रखने के लिए जमीन के साथ-साथ आसमान से भी लोगों पर नजर रखी जा रही थी।
इसके लिए ड्रोन कैमरे की व्यवस्था की गयी थी, जो कि आस-पास की गलियों और छतों का एरियल व्यू दे रहा था। जुलूस के सम्पूर्ण मार्ग में पड़ने वाले अतिसंवेदनशील स्थलों के आस-पास स्थित ऊँची-ऊँची इमारतों पर सशस्त्र, टीयर गैस, रबर बुलेट व ड्रैगन लाईट के साथ डयूटी लगाई गयी थी।
मार्ग के अतिसंवदेनशील बिन्दुओं पर थाना प्रभारियों व चौकी प्रभारियों की ड्यिूटी लगाई गयी थी।
लखनऊ एसएसपी कलानिधि नैथानी ने साफ कह दिया था कि शहर का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों की खैर नहीं होगी। बारावफात के लिए लखनऊ पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था का पूरा खाका तैयार कर पश्चिमी लखनऊ के सम्पूर्ण क्षेत्र को 6 जोन व 22 सेक्टरों मे विभाजित कर प्रत्येक जोन में अपर पुलिस अधीक्षक व प्रत्येक सेक्टर में पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी की ड्यिूटी दिन-रात लगाकर शान्ति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित करायी गयी थी। जुलूस में हर गतिविधि की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही थी। इसके लिए पुराने शहर के 250 संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों पर स्थायी कैमरे लगाए गए थे। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। बड़ी इमारतों के छत से निगरानी रखने वाली पुलिस की टीम बाइनाकुलर (दूरबीन) और वीडियो कैमरे से लैस थी। इसके साथ ही हर जुलूस पर ड्रोन कैमरा की मदद से नजर रखी जा रही थी। इसके अलावा सैटलाइट की मदद से भी पूरे शहर पर निगाह रखी जा रही थी।
दूसरे जिलों से आने वाले पुलिस बल को ड्यूटी प्वाइंटों पर तैनात कर दिया गया है। फोर्स में 20 एएसपी, 50 सीओ, 80 एसओ, इंस्पेक्टर, 400 सब इंस्पेक्टर, 2500 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल, 14 कंपनी पीएसी और 6 कंपनी आरएएफ लगाई गयी थी। साथ ही साथ मोबाइल वैन मुस्तैद रहेंगी। जूलूस के दौरान 30 विशेष वाहन (चार पहिया) और 63 बाइकों पर दंगा निरोधी उपकरणों से लैस पुलिस बल लगातार गस्त कर रहा था। इसके अतिरिक्त घुड़सवार पुलिस फायर सर्विस व वज्र वाहन आदि लगाये गये थे।