Triple Talaq Bill इस्लाम पर हमला, हम इसे स्वीकार नहीं करेंगेः सिद्दीकुल्लाह चौधरी

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पश्चिम बंगाल के मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने कहा है कि यह दुख की बात है कि ट्रिपल तलाब बिल इस्लाम पर हमला है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। जब केंद्रीय समिति की बैठक होगी, हम आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे।

राष्ट्रपति ने तत्काल तीन तलाक विधेयक को दी मंजूरी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद से पारित तत्काल तीन तलाक विधेयक को मंजूरी दे दी है जिससे अब यह कानून में तब्दील हो गया है। सरकारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। यह कानून 21 फरवरी को इस संबंध में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा।

पत्नी को तत्काल तीन तलाक के जरिये छोड़ने वाले मुस्लिम पुरुष को तीन साल तक जेल की सजा के प्रावधान वाले इस विधेयक को मंगलवार को राज्यसभा ने पारित कर दिया था। इससे पहले पिछले हफ्ते यह लोकसभा से पारित हुआ था। नया कानून ‘मुस्लिम महिलाएं (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019’ मुस्लिम पति द्वारा दिए जाने वाले तलाक ए बिद्दत यानी तत्काल तीन तलाक को गैरकानूनी बताता है। इस कानून के मुताबिक, अगर कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को मौखिक रूप से, लिखकर या इलेक्ट्रॉनिक रूप में या किसी भी अन्य विधि से तलाक ए बिद्दत देता है तो यह अवैध माना जाएगा। तलाक ए बिद्दत में कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को तत्काल तीन बार ‘तलाक’ बोलकर उससे संबंध खत्म कर लेता है।

नए कानून में यह भी प्रावधान किया गया है कि ‘तत्काल तीन तलाक’ से पीडि़त महिला अपने पति से स्वयं और अपनी आश्रित संतानों के लिए निर्वाह भत्ता पाने की हकदार होगी। इस रकम को मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा।विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों का कहना था कि कानून की मौजूदा संरचना में उसके प्रावधानों का मुस्लिमों को परेशान करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और संसदीय समिति को इसकी समीक्षा करनी चाहिए।

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