‘मैं हमेशा से रोजे रखता हूं, इससे अच्‍छी मानसिक कसरत हो जाती है’: हाशिम अमला

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लंदन: दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज हाशिम अमला ने रमजान के दौरान विश्व कप पड़ने पर खुशी जताते हुए कहा कि रोजे रखने से अच्छी मानसिक और अध्यात्मिक कसरत हो जाती है. हाशिम अमला ने आईसीसी की वेबसाइट पर कहा ,‘‘इससे मुझे अनुकूलन में मदद मिलती है.’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मैं हमेशा से रोजे रखता रहा हूं . यह साल का सबसे अच्छा महीना है. मुझे लगता है कि इससे अच्छी मानसिक और अध्यात्मिक कसरत हो जाती है .’’ अमला 2012 में भी रमजान के दौरान इंग्लैंड में थे जब टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिये सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने का रिकार्ड अपने नाम किया.

भारत के खिलाफ मैच में अपनी जगह को लेकर चिंतित नहीं

दक्षिण अफ्रीका की अंतिम एकादश में भले ही उनकी जगह पक्की नहीं हो लेकिन विश्व कप से पहले अभ्यास मैचों में लगातार अर्धशतक बनाकर हाशिम अमला ने भारत के खिलाफ पांच जून को शुरूआती मैच के लिये अपना दावा पुख्ता कर लिया है. दक्षिण अफ्रीका के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों में शुमार अमला ने श्रीलंका के खिलाफ अभ्यास मैच में 65 और वेस्टइंडीज के खिलाफ वर्षाबाधित मैच में नाबाद 51 रन बनाये.

युवा एडेन मार्कराम के टीम में होते हुए क्विंटोन डिकाक के साथ पारी की शुरूआत को लेकर प्रतिस्पर्धा रहेगी. अमला ने आईसीसी की वेबसाइट पर कहा,‘‘ रन बनाना हमेशा अहम होता है . मैं अंतिम एकादश में रहूं या नहीं रहूं. मैं जो कर सकता हूं, वह करता हूं और इसके बाद जो होता है वह टीम की भलाई के लिये होता है.’

विश्व कप की तैयारी के लिये उन्होंने घरेलू टी20 टूर्नामेंट नहीं खेला. उन्होंने कहा ,‘‘टी20 क्रिकेट वनडे से अलग है . मैने बल्लेबाजी कोच डेल बेंकेंस्टेन के साथ दो सप्ताह अभ्यास किया ताकि वनडे क्रिकेट के अनुकूल खुद को ढाल सकूं . कई बार यह काम करता है, कई बार नहीं.’’

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