सूरत में हुए अग्निकांड के बाद लखनऊ के कोचिंग सेंटरों पर हुई छापेमारी:- कैनविज टाइम्स

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सूरत में हुए अग्निकांड के बाद लखनऊ के कोचिंग सेंटरों पर हुई छापेमारी:- कैनविज टाइम्स

 

लखनऊ। ( वहाब उद्दीन सिद्दीकी) सूरत में कोचिंग सेंटर्स में हुए भीषण अग्निकांड में 20 छात्र छात्राओं की मौत हो गई जिसके बाद राजधानी में फैले अवैध कोचिंग सेंटर्स को लेकर फायर विभाग के अधिकारी एक्शन में आए हैं और तमाम कोचिंग सेंटर्स पर छापेमारी की कार्रवाई की है। छापेमारी के दौरान अधिकतर कोचिंग सेंटर्स पर फायर फाइटिंग सिस्टम बंद पाए गए और मानकों के विपरीत ये कोचिंग सेंटर्स संचालित मिले। हजरतगंज के प्रिंस कांपलेक्स में बड़ी संख्या में अवैध कोचिंग सेंटर्स फायर विभाग के अधिकारियों को संचालित मिले। चेकिंग अभियान के दौरान अधिकारियों को यहां पर ना तो फायर फाइटिंग सिस्टम सही मिले और ना ही मानक। इसके साथ ही बिल्डिंग के तीसरे और चौथे फ़्लोर पर जिस तरह से तमाम कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। इन कोचिंग सेंटर्स में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं रोजाना क्लास अटेंड करते हैं जबकि इन कोचिंग सेंटर्स पर जाने के लिए एक ही रास्ता है वह भी सकरी सीढ़ियों से होकर जाता है। अधिकारी भी मान रहे थे कि यदि भविष्य में कोई बड़ी घटना होती है तो उसमें तमाम बच्चों की जान जोखिम में पड़ सकती है। राजधानी में फायर विभाग के अधिकारियों के एक्शन में आने के बाद इस बात का भी बड़ा खुलासा हुआ है कि राजधानी में आकाश, महिंद्रा और एसकेडी ये वो बड़े इंस्टीट्यूट हैं जिनकी राजधानी के तमाम इलाकों में कई बड़ी शाखाएं हैं और यहां पर काफी बड़ी संख्या में छात्र और छात्राएं कोचिंग लेते हैं। जबकि अधिकारियों की मानें तो यह सभी इंस्टीट्यूट बिना एनओसी के ही संचालित हो रहे हैं जबकि विभाग की ओर से इन्हें नोटिस जारी कर कई बार जवाब भी मांगा गया है। यही वजह है कि आज फायर विभाग के अधिकारियों ने एसकेडी पर भी छापेमारी की और अब विभाग के जिम्मेदार अफसरों का साफ कहना है कि बड़े और छोटे तमाम राजधानी में संचालित हो रहे हैं। 90 इन कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया जाएगा। गौरतलब है कि राजधानी में कुछ माह पहले नाका के चार बाग इलाके में एसएसजे शहीदो होटलों में आग लगी थी जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से तमाम होटल प्रतिष्ठान

अब बिल्डिंग मालिकों को नोटिस जारी कर मानकों के तहत इन्हें संचालित करने को कहा गया था लेकिन शायद विभाग के अधिकारियों की यह बड़ी लापरवाही है कि आज तक नोटिस जारी होने के बावजूद भी किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। सवाल उठता है कि आखिर जिम्मेदार अधिकारी किसी बड़ी घटना के बाद ही क्यों एक्शन में दिखाई देते हैं।

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