नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने एक बयान में बताया कि टिकाऊ जीवनशैली बहुत ज़रूरी है क्योंकि उपभोक्तावाद के तौर-तरीके पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बन सकता हैं। उन्होंने पर्यावरण पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विकासशील देश जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं। इसके आगे उन्होंने ये भी कहा कि दुनिया ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन रोक भी ले, फिर भी जमा हो चुकीं ग्रीनहाउस गैसें जलवायु संबंधी असर पहुंचा सकती हैं। यहीं कारण है कि जलवायु परिवर्तन अनुकूलन उपायों पर विचार करने की आवश्यकता है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने टिकाऊ विकास के सभी स्तंभों पर बहुआयामी सोच रखी है जिसमें जैव विविधता संरक्षण, कचरा पुनर्चक्रण, एकल उपयोग वाली प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से हटाना, जैविक खेती और स्वच्छ ऊर्जा जैसे प्रमुख उपाय हैं।
भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘विकासशील देश उनकी बड़ी आबादी के आजीविका के लिए जलवायु संवेदनशील क्षेत्रों पर निर्भरता के कारण जलवायु परिवर्तन संबंधी प्रभावों के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील हैं।’ उन्होंने ये भी कहा कि दीर्घकालिक रणनीतियां न सिर्फ प्रभाव कम करने पर केंद्रित होनी चाहिए बल्कि जलवायु अनुकूलन पर भी केंद्रित होनी चाहिए जिसमें वित्त और प्रौद्योगिकी के प्रावधान के लिए स्पष्ट रूपरेखा हो।