बिसवां (सीतापुर)। उत्तर प्रदेश की सड़कों और चौराहों पर जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत से धड़ल्ले से टैक्सी स्टैंड संचालित हैं जिनमें भारी मनमानी धन उगाही होती है जिसमें क्षेत्रीय पुलिस भी अछूती नहीं रहती है।इसी बात का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 31 मार्च को एक आदेश जारी कर प्रदेश के उन समस्त सचिवों को आदेशित करते हुए कहा कि जिनका सम्बन्ध अतिक्रमण और जबरन ठेकेदारी वसूली से है ऐसे सभी टैक्सी स्टैंड नगर या गांव कहीं भी हों ,वह तत्काल प्रभाव से बंद होने चाहिए। इसके अलावा शहरों और गांवों की सड़कों व अन्य सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को तुरन्त हटवाकर रास्ते पूर्ववत् बहाल कराये जायें लेकिन शायद मुख्यमंत्री का यह आदेश डाक के तीन पात साबित हो रहा है।
पांच दिन बीतने के बाद भी क्षेत्र में कहीं भी कार्रवाई की शुरुआत नहीं दिखाई पड़ रही है। सड़कें पूरी तरह से भारी अतिक्रमण का शिकार हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस अतिक्रमित मार्ग पर होकर रोज ही प्रदेश,जिला व तहसील और ब्लाक के अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि गुजरते हैं फिर भी किसी का भी ध्यान इधर नहीं जाता। गांव की आबादी में भी कई स्थानों व सड़कों पर ग्रामीणों द्वारा अनावश्यक अतिक्रमण किया गया है फिर भी ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, क्षेत्रीय लेखपाल सहित सभी अधिकारियों को जानकारी के बावजूद भी उसे नहीं खाली कराया जा रहा है।
चौराहे की पुलिया पर भारी अतिक्रमण हो गया है जिससे कभी भी दुर्घटना घट सकती है। सप्ताह में मंगलवार व शनिवार को लगने वाली साप्ताहिक बाजार की दुकानें भी बाजार प्रांगण में न लगकर सड़क किनारे चौराहे पर लगायी जाती हैं जिससे आये दिन जाम की स्थित बन जाती है जिसमें फंसकर यात्री व राहगीर परेशान होते हैं। इस सम्बन्ध में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मुनीर अहमद अंसारी ने बताया कि दुकानदारों से सड़क पर दुकानें न लगाकर बाजार के अन्दर लगाने को कहा जा चुका है लेकिन जिम्मेदार पुलिस की लापरवाही से वह नहीं मानते और जबरदस्ती करते हैं। तमाम सम्भ्रांत लोगों ने तुरन्त ही कार्यवाही करके सड़कों और मार्गों के किनारे अतिक्रमण और अवैध टैक्सी स्टैंड को हटवाने की मांग की है।