कश्मीर से धारा 370 हटने के तीन साल… 174 जवान शहीद, 124 आम लोगों ने भी गंवाई जान

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  • अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के लिए बनाया गया था।
  • 2019 में निरस्त किया गया अनुच्छेद 370।
  • 370 के अनुसार जम्मू-कश्मीर का था अलग संविधान।

 

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद आतंकी घटनाओं में कमी आई है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने धारा-370 से पहले के तीन साल और उसके हटाए जाने के तीन साल के आंकड़े शेयर कर लिखा कि हत्याएं, आतंकी हमलों में कमी आई है. बता दें कि 5 अगस्त को 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाली धारा 370 को हटा दिया था

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के आज तीन साल पूरे हो गए हैं. धारा 370 हटाने के बाद के बाद आतंकी घटनाओं में कमी आई है. इसके साथ ही लॉ एंड ऑर्डर की घटना में किसी भी नागरिक और जवान की मौत नहीं हुई है. आतंकी घटनाओं में आम लोगों की मौतों की संख्या में भी कमी आई है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने धारा 370 के निरस्तीकरण के पहले और बाद के 3 साल की घटनाओं की तुलना करते हुए जानकारी दी है कि कश्मीर जोन में आतंकी घटनाओं में कमी आई है. पुलिस ने इन मामलों को छह कैटेगरी में बांटा है.

इनमें लॉ एंड ऑर्डर की घटनाएं जो 5 अगस्त 2016 से 4 अगस्त 2019 के बीच में 3686 हुई थीं, 5 अगस्त 2019 से 4 अगस्त 2022 के बीच में सिर्फ 438 ही हुईं. इसके अलावा लॉ एंड ऑर्डर की घटनाओं में 370 हटाए जाने से तीन साल पहले 124 नागरिकों की मौत हुई थी, जो स्पेशल स्टेटस हटाए जाने के बाद शून्य हो गईं. इसके अलावा ऐसी घटनाओं में छह जवान भी शहीद हुए थे, लेकिन 2019 के बाद किसी भी जवान की मौत नहीं हुई है.

370 हटाए जाने से पहले 290 जवान हुए थे शहीद

कश्मीर में आतंकी घटनाओं की बात करें तो 5 अगस्त, 2016 से 4 अगस्त, 2019 के बीच कुल 930 घटनाएं हुई थीं, जो 370 हटाए जाने के बाद घटकर 617 हो गईं. इन आतंकी घटनाओं में 370 लागू रहने से पहले 290 जवान शहीद हुए थे और 191 नागरिक मारे गए थे, धारा 370 हटाए जाने के 3 साल बाद 174 जवान शहीद हुए और 110 लोग मारे गए.

वर्षगांठ से एक दिन पहले आतंकियों ने किया हमला

जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद- 370 हटने की वर्षगांठ से एक दिन पहले पुलवामा में आतंकियों ने हमला किया. आतंकियों ने गैर-कश्मीरी मजदूरों पर ग्रेनेड फेंक कर हमला किया. इस घटना में एक श्रमिक की मौत हो गई, जबकि 2 लोग घायल हो गए, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने इस पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है.

5 अगस्त 2019 को हटा दी थी धारा-370

केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने साल 2019 में 5 अगस्त के दिन ही जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को हटा दिया था, धारा 370 हटाए जाने का विरोध विपक्षी पार्टियां लगातार कर रही हैं. क्षेत्रीय पार्टियां पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस लगातार धारा 370 बहाल करने की मांग कर रही हैं. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती लगातार कहती रही हैं कि धारा 370 हटने से कश्मीर में हालात और खराब हो गए हैं, वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्लाह का कहना है कि बीजेपी ने धारा 370 हटाकर हिंदुस्तान को बांटने का काम किया है.

 

 

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