मजदूर दिवस पर 30 लाख श्रमिकों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सौगात

0
7806

उत्तर प्रदेश सरकार (कैनविज टाइम्स) ने आज अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर शुक्रवार को श्रमिको को सौगात दी है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के कामगार और श्रमिकों को बधाई देते हुए कहा कि विकास में श्रमिकों का महत्वपूर्ण योगदान है। उनके श्रम को सम्मान देने के लिए ही प्रत्येक वर्ष एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस का आयोजन होता है। विकास में उनकी भूमिका के मद्देनजर उनको सम्मान और हर तरह की सुरक्षा देना हमारा फर्ज है। हम वही कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री  कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज’ के जरिए इस वर्ग के हित के लिए 17 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया। इस पैकेज से कामगार, श्रमिक, किसान, युवा और उद्योग में कार्यरत श्रमिक आच्छादित हुए हैं। उत्तर प्रदेश में संबंधित वर्ग के लोगों को इस योजना से लगातार लाभान्वित कराया जा रहा है। वही 24 मार्च को 5.97लाख मजदूरों के खाते में एक एक हजार रुपये डलवाये जा चुके हैं

उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि यह वर्ग चाहे ग्रामीण क्षेत्र का हो या शहरी, उसे कोई तकलीफ नहीं होने देंगे। योजना बनाकर इस पर लगातार अमल जारी है। इसी क्रम में आज मजदूर दिवस पर श्रमिकों का सम्मान करते हुए 30 लाख श्रमिकों को उनके भरण-पोषण के लिए एक-एक हजार रुपये उनके खाते में ट्रांसफर किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 18 करोड़ लोगों को पोर्टेबिलिटी के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराने की कार्य योजना को आगे बढ़ा रहे हैं। हमने अब तक 2 चरणों में 18-18 करोड़ लोगों को उत्तर प्रदेश के अंदर खाद्यान्न उपलब्ध कराया है। पहले चरण में उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए जो हमारे कामगार, श्रमिक, मनरेगा मजदूर और अन्य नागरिक थे, उनको खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। दूसरे चरण में भारत सरकार की योजना के अंतर्गत निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया।

उन्होंने कहा कि आज हम फिर से उत्तर प्रदेश के 18 करोड़ों नागरिकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की कार्रवाई प्रारंभ कर रहे हैं। इससे उत्तर प्रदेश का कोई श्रमिक कोई कामगार देश के अंदर किसी भी कोने में रहता है और उसके पास उसका राशन कार्ड नंबर है, तो वह वहां पर भी अपने कार्ड से वहां की कोटे की दुकान से खाद्यान्न ले सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन को निर्देश है कि हर पात्र का राशन कार्ड बनवाने के साथ ही उनको मानक के अनुसार तुरंत राशन भी मुहैया कराएं। इसके बावजूद जिनका अब तक राशन कार्ड नहीं बना है, उनको हम एसडीआरएफ के अंतर्गत फूड पैकेट उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना भेदभाव के सबको समय से भोजन उपलब्ध कराना हमारी प्रतिबद्धता है। हम अपने प्रदेश के श्रमिकों के आर्थिक सुरक्षा के लिए भी लगातार कदम उठा रहे हैं। इस क्रम में 17 लाख लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने का काम शुरू हो चुका है।

30 अप्रैल तक श्रमिकों के हित में उठाए गये कदम 

निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों के खातों में एक-एक हजार की धनराशि कुल 160.82 करोड़ रुपये भेजे गये।

शहरी क्षेत्रों के 7.67 लाख श्रमिकों के खाते में एक-एक हजार रुपये की धनराशि कुल 76.69 करोड़ रुपये भेजे गये।

5.55 लाख निराश्रित लोगों के के खाते में 55.5 करोड़ रुपये का भुगतान।

27.15 लाख मनरेगा श्रमिकों के खातों में 611 करोड़ रुपये का भुगतान।

करीब 45 हजार औद्योगिक इकाइयों द्वारा अपने श्रमिकों को 603 करोड़ रुपये के वेतन मानदेय का भुगतान।

अंत्योदय कार्ड धारकों, मनरेगा श्रमिकों, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों और नगर विकास विभाग के दिहाड़ी मजदूरों को नि:शुल्क राशन। आज से दुबारा इसकी शुरुआत की गयी।

दूसरे प्रदेशों से लगातार श्रमिकों के सुरक्षित घर वापसी की प्रक्रिया जारी है। अब तक दिल्ली से चार लाख, हरियाणा से 12 हजार श्रमिकों की घर वापसी हो चुकी है। मध्य प्रदेश के श्रमिकों को घर वापस लाने की प्रक्रिया जारी है। इसके बाद राजस्थान, उत्तराखंड और गुजरात के श्रमिकों को भी सरकार वापस लाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here