जमीनस्वामी दहशत मे, अधिकारियों से लगाई गुहार
बाराबंकी। जमीनी विवाद के प्रकरणों में आजकल जिले में अचानक से बढ़ोत्तरी होने लगी है। ज्यादातर मामलों में दबंग असल जमीनी हकदारों को धमका कर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। खास बात तो यह कि, अगर जमीन का असली मालिक किसी सक्षम अधिकारी से शिकायत करता है, तो पीड़ित होने के बावजूद उसी से जांच-पड़ताल शुरू हो जाती है। जबकि, आरोपी पर कार्रवाई नगण्य ही रहती है। सदर तहसील नवाबगंज में वर्तमान में ऐसे प्रकरणों की बाढ़ सी आ गई है। ताजा मामला इसी तहसील अंतर्गत नगर कोतवाली के पूरेमोती मजरे ओबरी आवास विकास कॉलोनी का है। जहां एक वरिष्ठ नागरिक की जमीन पर एक दबंग कब्जा करने जुटा है। जिले की कोतवाली देवा के ग्राम सुलेमाबाद मजरे कुसुम्भा निवासी हंसराज पुत्र पुत्तीलाल रावत आईआईटी कानपुर में सीनियर टेक्निकल सुपरिन्टेन्डेन्ट (एसजी) के पद से वर्ष 2020 में रिटायर हुए। उन्होंने सर्विस दौरान एक आवासीय प्लॉट गाटा संख्या 354/1 रकबा 4475 वर्गफिट ग्राम पूरेमोती मजरे ओबरी में 24 जनवरी 2006 को प्रेमशंकर पुत्र रामफली से खरीदा। दाखिल खारिज भी वक्त से ही करा लिया। प्लॉट के दो तरफ तीन फिट ऊँची बॉउंड्री वॉल बनाकर छोड़ दी। बेचने और खरीदने वाले के बीच कोई विवाद नहीं था। फिर, आवास विकास कॉलोनी निवासी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव पुत्र कमला प्रसाद श्रीवास्तव ने हंसराज की गाटा से मिली हुई गाटा को खरीदा और बिना किसी विधिक कार्यवाही के बेच दिया। हंसराज के प्लॉट से मिली हुई गाटा पर अपना मकान बना लिया। हंसराज का आरोप है कि, जितेंद्र ने षड्यंत्र कर उनके प्लॉट की बाउंड्री वॉल तोड़ी और उस पर कब्जा करना चाहता है। हंसराज के मुताबिक, जितेन्द्र खुद को ऊंची पहुंच वाला आदमी बताकर जिले के अधिकारियों को फोन कर प्रकरण के सम्बंध में गुमराह करता है। यह भी आरोप है कि, जितेंद्र श्रीवास्तव हंसराज का कीमती प्लॉट हड़प कर बेच देना चाहता है। हंसराज ने कई बार जिले और तहसील के अधिकारियों को कागजात भी दिखाए। लेकिन, आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब जितेन्द्र के हौसले इतने बुलन्द हो गए हैं कि, वह हंसराज को ही जान से मारने की धमकी दे रहा है। पीड़ित हंसराज ने विपक्षी जितेन्द्र श्रीवास्तव के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की माँग की है।