रामोत्सव का हुआ शुभारम्भ, रामजन्म, ताड़का वध व अहिल्या उद्धार लीला ने किया मंत्र मुग्ध

धीरेन्द्र मिश्रा/ कैनविज टाइम्स

लखनऊ। श्री रामलीला समिति ऐशबाग लखनऊ के तत्वावधान में शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन रामलीला मैदान ऐशबाग के तुलसी रंगमंच पर आरम्भ हुए रामोत्सव-2023 की प्रथम संध्या में रामजन्म, ताड़का वध, मारीच सुबाहु वध और अहिल्या उद्धार लीला ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया। रामोत्सव-2023 का विधिवत उद्घाटन राज्यसभा सांसद एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश डॉ दिनेश शर्मा, श्री रामलीला समिति ऐशबाग के अध्यक्ष हरीश चन्द्र अग्रवाल और सचिव पं0 आदित्य द्विवेदी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। पहले दिन की रामलीला के पूर्व रीना श्रीवास्तव के नृत्य निर्देशन में नृत्या डांस एकेडमी के कलाकारों ने दुर्गा नृत्य नाटिका में भगवती देवी दुर्गा के नवों रूपों के दर्शन करवाए। वहीं निधी तिवारी के नृत्य निर्देशन में रूद्र कला एकेडमी के कलाकारों ने भक्तिमय नृत्य की मनोरम प्रस्तुति दी। रामलीला की शुरूवात विष्णु वंदना व देवताओं का श्रीहरि से आग्रह लीला से हुई, जिसमें दर्शाया गया कि सभी देवता भगवान विष्णु से आग्रह करते हैं कि पृथ्वी पर अत्याचार चरम सीमा पर है, उन्हें उनके कष्टों से मुक्ति दिलाने के लिए वह धरती पर मानव के रूप में अवतार लें। सभी देवताओं के आग्रह पर भगवान विष्णु देवताओं से कहते हैं कि वह राजा दशरथ के यहां राम के रूप में अवतार लेंगे।
इस लीला के उपरान्त पुत्र कामेष्टी यज्ञ लीला हुई, इस लीला में राजा दशरथ, सिंगी ऋषि के सानिध्य में तीनों रानियों कौशल्या, सुमि़त्रा और कैकेई संग यज्ञ करते हैं, जिसमें सूर्य देवता प्रसन्न होकर राजा दशरथ को प्रसाद के रूप में खीर प्रदान करते हैं और सभी रानियां प्रसाद को ग्रहण करती हैं। कुछ समय के उपरान्त तीनों रानियां गर्भवती होती हैं। इसके उपरान्त राम जन्म बाललीला हुई, जैसे ही अयोध्या में राजा दशरथ के यहां पुत्रों के जन्म की सूचना फैलती है, चारों ओर हर्ष उल्लास छा जाता है, कौशल्या को राम, सुमित्रा को लक्ष्मण और कैकेई को भरत और शत्रुहन पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर श्री रामलीला समिति ऐशबाग के अध्यक्ष हरीशचन्द्र अग्रवाल, सचिव पं आदित्य द्विवेदी, प्रमोद अग्रवाल, रामोत्सव नृत्य नाटिका के संयोजक मयंक रंजन उपस्थित रहे।

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