लखनऊ – उत्तर प्रदेश की राजधानी में लगातार प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी देखने को मिल रही है। जिस कारण आये रोज़ मरीज की मौत के बाद परिजनों द्वारा डाॅक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगते रहते हैं। अभी मंगलवार को भी डालीगंज स्थित के.के. हॉस्पिटल में भर्ती एक रिटायर्ड फौजी की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा किया था। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने वजीरगंज थाने में के.के.अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। वही एक बार फिर से ऐसा ही एक और मामला थाना ठाकुरगंज स्थित चरक हॉस्पिटल का सामने आया है जहां पर लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात सिपाही को बीमारी के चलते उसके परिजनों ने चरक हाॅस्पिटल में भर्ती कराया लेकिन सही इलाज और डाॅक्टरों की लापरवाही के कारण सिपाही की मौत हो गई। जिसके बाद ही मृतक के परिजनों ने हाॅस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है।
मृतक सिपाही अभिषेक सिंह के ससुर जितेन्द्र कुमार का कहना है कि 23 अप्रैल रात लगभग 12ः00 बजे लखनऊ के चरक हॉस्पिटल में अभिशेक को लाया गया था जिसके पेट में दर्द हो रहा था। वहीं उन्होंने कहा सिपाही जो उनका दामाद है उसके पेट में दर्द था इसीलिए उसको भर्ती कराया गया था। परिवार वालों का आरोप है कि दवा के लिए पैसा 1 घंटे पहले ही जमा करा लिया जाता था और मरीज तक दवाई 1 घंटे के बाद पहुंचती थी जिसके कारण ही उसकी मौत हुई है। वहीं बताया गया है मृतक सिपाही अभिाषेक सिंह कानपुर घाटमपुर का रहने वाला था और पुलिस लाइन में कार्यरत था। साथ ही सिपाही के ससुर का कहना है कि अस्पताल की घोर लापरवाही सामने आई है और अस्पताल को धन उगाही का अड्डा बना रखा है। जिसमें सिर्फ पैसा लिया जाता है किन्तु मरीजों को इलाज न करके सिर्फ़ अपने अस्पतालों को चला रहे हैं।
वहीं मौके पर मौजूद सीओ चौक दुर्गा प्रसाद तिवारी का कहना था कि चरक हाॅस्पिटल में एक आरक्षी अभिषेक सिंह को कल रात भर्ती कराया था जहां उसकी इलाज के दौरान मौत भी हो चुकी है। जिसमें मृतक सिपाही के परिजनों ने डाॅक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। जिसपर मामला दर्ज कर मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे ही कार्रवाई की जायेगी।