घर का पौष्टिक भोजन, हरी सब्जी व मौसमी फल बच्चों को देगा मजबूती

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घर का पौष्टिक भोजन, हरी सब्जी व मौसमी फल बच्चों को देगा मजबूती

– बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने को दवा की जरूरत नहीं
– कोविड प्रोटोकाल का पालन और स्वस्थ जीवन शैली अपनाना है जरूरी

राजकुमार पांडेय

सीतापुर, 14 जून। कोरोना की संभावित तीसरी लहर का सबसे अधिक असर बच्चों पर पड़ने की चल रही चर्चा के बीच अभिभावक अपने बच्चों को सुरक्षित बनाने को लेकर तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। कोई योगा करा रहा है तो कोई पौष्टिक खानपान पर जोर दे रहा है, इन्हीं में एक वर्ग ऐसा भी है जो बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दवाओं का भी सहारा ले रहा है।
सीएमओ डॉ. मधु भदौरिया कहती हैं कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बच्चों को अलग से कोई दवा देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बेवजह दवा देना नुकसानदायक हो सकता है। पौष्टिक खान-पान और स्वस्थ जीवन शैली से इम्यूनिटी स्वतः मजबूत होती है। घर का बना हुआ खाना बच्चों को दें जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन और खनिज पर्याप्त मात्रा में हों। हरी सब्जियां और मौसमी फल खिलाएं। बच्चों को दूध और दही या इससे बनी चीजें खाने को दें। खूब पानी पिलाएं शरीर में पानी की कमी न होने दें। बाहर का खाना विशेषकर जंक फूड न दें।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नंद नथानी के अनुसार बच्चे के खाने में चीनी, नमक और मैदे का प्रयोग कम करें। शक्कर की जगह गुड़ दें। मैदे के सेवन से कब्ज की समस्या होती है। शक्कर को बनाने के लिए बहुत अधिक प्रोसेसिंग, रिफाइनिंग और ब्लीचिंग की जाती है, जिससे उसके पौष्टिक तत्व खत्म हो जाते हैं। रिफाइनिंग न करने से गुड़ के पौष्टिक तत्व खत्म नहीं होते हैं। गुड़ में आयरन होता है और इसमें फैट न के बराबर होता है, साथ ही इसमें कैल्शियम, विटामिन, जिंक फास्फोरस और मैग्नीशियम पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। अधिक नमक का सेवन जहाँ ब्लड प्रेशर बढ़ाता है वहीं वह किडनी को भी प्रभावित करता है। घर पर ही बच्चों को व्यायाम करने, रस्सी कूदने को कहें। इसके साथ ही बच्चों में कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करने की आदत को विकसित करें। बच्चों के मन में कोरोना को लेकर जो जिज्ञासा है उन्हें अवश्य दूर करें। परिवार के सदस्य अपना कोविड का टीकाकरण अवश्य कराएं। साथ ही छोटे बच्चों का नियमित टीकाकरण जरूर करवा लें। बच्चों के लिए 8 से 12 घंटे की नींद बहुत जरूरी है।

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