लखनऊ (वहाब उद्दीन सिद्दीक़ी) राजधानी के पुराने लखनऊ के ठाकुरगंज में हुए चर्चित डबल मर्डर केस में मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है जबकि घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने पीड़ित परिजनों से दोषी अभियुक्तों को 24 घंटे में गिरफ्तार करने का वादा किया था। घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी मुख्य अभियुक्त अभी भी पुलिस के हाथ नहीं लग सके हैं पूरे मामले में पुलिस के हाथ अभी भी खाली है। इस घटना में पुलिस की लापरवाही साफ नजर आई थी शिवम व चीना मृतक दोनों सगे भाइयों को आधे घंटे तक बीच रोड पर लाठी डंडों से पीटते रहे लेकिन चंद कदम की दूरी पर थाना होने के बावजूद भी कोई पुलिसकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। वहीं पीड़ित परिवार में भय का माहौल है मृतक इमरान व अरमान की मां का कहना है की घटना के मुख्य आरोपी शिवम व चीना अपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं, यह लोग अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है तथा यह लोग मेरे परिवार पर पुनः हमला कर सकते हैं। मेरे परिवार को पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए यदि मेरे परिवार को सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई गई तो मैं मेरे परिवार सहित यह शहर छोड़ कर जाने को मजबूर हो जाऊंगी।
इमरान व अरमान की माँ का कहना था की मेरे कमाने वाले लड़के अब इस दुनिया मे नही रहे वो ही मेरा परिवार का सहारा थे। सरकार को चाहिए है कि मेरे परिवार को 50 लाख का मुआवजा दे और मेरे एक बेटे को नौकरी दे जिससे कि मेरा परिवार चल सके।
वहीं दूसरी ओर एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया की अदालत से एन.बी.डब्ल्यू . का वारंट जारी हो गया है अदालत से कुर्की करने के आदेश मिल गए हैं एक-दो दिन में कुर्की कर ली जाएगी।
पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे राज्यसभा सांसद संजय सिंह।
डबल मर्डर केस में मृतक मोहम्मद इमरान गाज़ी व मोहम्मद अरमान गाज़ी के ठाकुरगंज स्तिथ घर पर ग़मज़दा परिवार से मिलने राज्यसभा सांसद संजय सिंह सहित कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल पहुँचा। संजय सिंह ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर न्याय दिलवाने का भरोसा दिया।
मौके पर पहुंचे सांसद संजय सिंह ने कहा सबसे पहले तो यह बहुत ही दुखद घटना है। जिस परिवार के बच्चे गए हैं उस परिवार के प्रति हम लोगों की संवेदना है। आज सुबह ही पीसीसी कार्यालय में उत्तर प्रदेश की लॉ एंड ऑर्डर की चर्चा की थी मैंने। पुलिस मैनुअल के हिसाब से पुलिस को इलाके की पुलिसिंग बहुत गंभीरता से बहुत गहन करना चाहिए। और ऐसा करने से लोकल समस्याओं की जानकारी भी होती है और उसका निदान भी हो सकता है। दुर्भाग्य से पुलिस प्रशासन भी प्रदेश सरकार के हिसाब से ही चलती है आज जो गंभीर समस्याएं समाज की हैं
गांव व शहर की है उससे हट कर के लोगों की निगाह है, लोग अपने पॉलीटिकल एजेंटों की ओर ज्यादा देख रहे हैं समाज के अमन चैन समाज की सुरक्षा की ओर कम देख रहे हैं यही वजह है कि इस तरह की घटनाएं हो रही है।
सरकार के कंट्रोल में कुछ नहीं है ना सरकार की नीति अच्छी है ना नियत अच्छी है न क्षमता है और ना ही इच्छा शक्ति है।