करनाल: हरियाणा के करनाल में पिछले 6 दिनों से धरने पर बैठे किसानों ने आखिरकार आज प्रदर्शन खत्म करने का फैसला किया है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और प्रशासन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का ऐलान किया गया। इस दौरान बताया गया कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ न्यायिक जांच की जाएगी। जांच के दौरान आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे।
करनाल में धरने पर बैठे किसानों ने प्रशासन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है। किसानों ने धरना खत्म करने का फैसला किया है। 28 अगस्त को लाठीचार्ज वाली घटना की न्यायिक जांच होगी।
बता दें कि, किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर किसान करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर लगातार धरने पर बैठे हुए थे। किसानों ने लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। बताया जा रहा है कि करनाल में लाठीचार्ज के बाद किसान और आक्रामक हो गए थे, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने कई बैठकें की थीं।
इससे पहले बताया गया था कि लाठीचार्ज की घटना के बाद विरोध कर रहे किसानों की ज्यादातर मांगों को हरियाणा सरकार मानने के लिए राजी हो गई है। एसडीएम आयुष सिन्हा जिनके सस्पेंसन की मांग की जा रही थी, इस मुद्दे पर किसान नेताओं और सरकार के बीच बातचीत यह हुई है कि सरकार इस मामले में एक न्यायिक जांच कराई जाएगी।
बता दें कि, इससे पहले किसानों ने प्रशासन को 11 सितंबर के बाद आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद गुरुवार से मिनी सचिवालय के बाहर किसानों का धरना जारी था। करनाल में जमे किसानों की मांग थी कि 28 अगस्त को किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम पर कार्रवाई हो, लेकिन सरकार का कहना है कि जांच के बाद जो दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी और जांच किसानों की भूमिका की भी होगी।