MP के झाबुआ में शराब की बोतलों में चिपकाए स्टिकर- वोट देना है

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झाबुआ। मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वोटरों को जागरूक करने के लिए प्रशासन द्वारा तमाम कोशिशों की जा रही हैं। कई तरह के कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, ताकि लोग अपने मत का इस्तेमाल जरूर करें और वोट की ताकत को समझें। इसी बीच राज्य के आदिवासी बहुल इलाके में वोटरों को जागरूक करने के लिए चलाया गया अभियान विवादों में आ गया है। मामला झाबुआ जिले का है, जहां मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए शराब ठेकेदारों को स्टिकर्स दिए गए हैं।

मतदान के लिए जागरूक करने के लिए स्टीकर

जानकारी के मुताबिक, दुकानदारों को इन स्टिकरों को शराब की बोलतों पर चिपकाने के लिए कहा गया है। दुकानदारों ने बताया है कि उन्हें ये स्टीकर एक्साइज डिपार्टमेंट की ओर से दिए गए और उनसे कहा गया कि लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए इन्हें शराब की बोतलों पर चिपका दिए जाएं। हालांकि, मामला सामने आने और विवाद बढ़ने के बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया है।

एक्साइज डिपार्टमेंट की सफाई

सफाई देते हुए झाबुआ जिले के एक्साइज डिपार्टमेंट अधिकारी ने कहा, ‘जिला प्रशासन ने सोचा कि मतदाताओं को जागरूक करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत इस तरह के स्टिकर्स को शराब की बोतलों पर भी लगाया जाए, जिससे लोग अपने मताधिकार के प्रति जागरूक हो सकें।’ उन्होंने बताया कि अब विभाग ने इस फैसले को वापस ले लिया है और दुकानदारों से स्टिकर्स को वापस करने के लिए कहा गया है।

स्टीकर में लिखा- वोट करना जरूरी है

बताया जा रहा है कि मतदाताओं को जागरूक करने के लिए जिले में करीब दो लाख स्टीकर छपवाए गए थे और शराब ठेकेदारों को भी बोलतों पर इन्हें चिपकाने के लिए कहा गया था। इन स्टीकर पर आदिवासी भाषा में लिखा हुआ था- ‘सभी को वोट करना जरूरी है, बटन दबाना है, वोट डालना है।’ इन स्टीकरों के कारण शराब की बोलत पर लिखी वैधानिक चेतावनी भी नजर नहीं आ रही थी। विरोध के बाद स्टीकर चिपकाने के फैसले को वापस लेना पड़ा।

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