केजीएमयू में हुआ हाइपोस्पेडियास से पीड़ित बच्चे का सफल ऑपरेशन:- कैनविज टाइम्स

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केजीएमयू में हुआ हाइपोस्पेडियास से पीड़ित बच्चे का सफल ऑपरेशन:- कैनविज टाइम्स

लखनऊ। (वहाब उद्दीन सिद्दीक़ी) राजधानी के केजीएमयू में हाइपोस्पेडियास नामक बीमारी से पीड़ित बच्चे का सफल ऑपरेशन कर बड़ी सफलता प्राप्त की गई है। जिसको आज तक अमेरिका भी नही जानता था उस जानकारी को केजीएमयू के द्वारा पब्लिश करने के बाद ही अमेरिका भी जान सका इस बीमारी में ऑपरेशन की सफल तकनीक। केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के लिए 19 अगस्त का दिन बहुत ही चुनौती वाला दिन था क्योंकि इस दिन हरदोई का एक परिवार अपने 12 वर्षीय बच्चे को इसी विभाग में भर्ती कराने के लिए लाया था। बच्चे को पैदाइशी हाइपोस्पेडियास नामक एक गम्भीर बीमारी थी कि जिसमे बच्चे का लिंग धनुष की तरह मुड़ा हुआ था। बच्चे का यूरिन करने का रास्ता शीर्ष पर न होकर पीछे अंडकोश की तरफ था।

जिससे कि बच्चे को वर्तमान समय मे यूरिन करने में असुविधा होती थी और आगे जा कर उसे शारीरिक संबंध बनाने में भी दिक़्क़द होती। बच्चे के परिवार वालो ने उसे दिल्ली के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में
बच्चे का ऑपरेशन करने के लिए भर्ती करवाया जहां बच्चे का एक बार नही बल्कि 8 बार ऑपरेशन किया गया जो कि सफ़ल नही रहा, और इस ऑपरेशन में परिवार जे क़रीब 8 लाख रुपये भी खर्च हो गए। जिसके बाद परिजनों द्वारा उसे किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया। जहाँ पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर एस.एन. कुरील ने सावधानीपूर्वक सारी जांचें तथा पूर्व में की गई सर्जरी के कॉम्प्लिकेशन के परीक्षण के बाद अपनी नई तकनीक से सर्जरी करने का फैसला किया। जो कि पूर्ण रूप से सफल रही और दिनांक 4 सितंबर 2019 को बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई जो कि अपने परिवार सहित खुशी-खुशी अपने घर गया। वही इस बीमारी के बारे में बताते हुए डॉक्टर एस.एन. कुरील ने बताया की ऐसे मामलों में पूरे विश्व ने लगभग ढाई सौ लोगों में किसी एक को ये बीमारी होती है। डॉ.कुरील ने बताया कि बच्चे की तीन नसे डैमेज थी सिर्फ एक नस सही सलामत बची हुई थी जिसके सहारे उन्होंने इस ऑपरेशन को किया। डॉ. कुरील ने बताया कि इस बीमारी का सफ़ल इलाज करने की पूरी दुनियां में कोई 100 प्रतिशत गारंटी नही के सकता सिर्फ केजीएमयू ही इस सर्जरी की 100 प्रतिशत सफ़ल होने की गारंटी लेता है। बीमारी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि कई मामलों में महिलाओं द्वारा गर्भनिरोधक दवाइयां लेने के कारण भी यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि महिला द्वारा कुछ दिन तक तो गर्भनिरोधक दावा का इस्तिमाल किया गया और फिर छोड़ दिया गया और गर्भ ठहर गया तो उस स्थिति में भी ऐसा हो जाना संभव होता है। तुर्की में हर साल 3 दिसम्बर को इंटरनेशनल
हाइपोपैडियाज डे मनाया जाता है जिसमे पूरी दुनियां से कोई एक सर्जन वो चुनते हैं फिर उसको वह सुनते हैं जिसमे 2016 में डॉ. कुरील को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था जहां उनके 5 लेक्चर हुए थे। डॉ.कुरील को इस बीमारी का सफलतापूर्वक इलाज किये जाने के कारण ही उन्हें चुना गया था।

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