मरीज़ की मौत के बाद परिजनों का हंगामा।-कैनविज टाइम्स

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लखनऊ। (वहाब उद्दीन सिद्दीक़ी) राजधानी में जारी है प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी आय रोज कोई ना कोई बनता है इनकी लापरवाही का शिकार। अस्पतालों की लापरवाही ले लेती है मरीजों की जान। आम नागरिक प्राइवेट अस्पतालों का रुख सिर्फ यह सोचकर करते हैं कि यहां पर सुविधाएं बहुत बेहतर होंगी राजधानी में अक्सर ऐसे मामले सुनने में आते रहते हैं की प्राइवेट हॉस्पिटल में पहले तो इलाज के नाम पर महंगा खर्चा करवाया जाता है उसके बावजूद भी सुविधा के नाम पर शून्य।

प्राइवेट अस्पतालों की लापरवाही से अक्सर मरीजों की जान भी जाती रहती है। ऐसा ही एक मामला वजीरगंज थाना क्षेत्र में स्थित के.के. हॉस्पिटल का सामने आया है जहां परिजनों के मुताबिक हॉस्पिटल की लापरवाही के चलते एक मरीज की जान चली गई जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा तथा अस्पताल में भारी तोड़फोड़ कर डाली।

बताते चलें की दो दिन पहले बसंत लाल नाम के बुजुर्ग को उनके परिजनों द्वारा के के हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था बसंत लाल को हार्ट से संबंधित बीमारी थी। जिनकी आज अचानक मृत्यु हो गई। जिसके बाद परिजन अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गुस्से में आकर अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ व मारपीट करने लगे। सूचना मिलते ही वजीरगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति पर काबू पाया इस दौरान एक युवक को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है । वहीं मृतक बसंत लाल के परिजन राजेश कुमार ने बताया कि हमारे मरीज को हार्ट से संबंधित बीमारी थी उनको सांस लेने में तकलीफ़ हो रही थी। जिसको हम लोग पहले तो लारी कार्डियोलॉजी लेकर गए वहां के डॉक्टरों ने बताया कि इनको हार्ड की प्रॉब्लम है। लेकिन उनके घर वालों को यह विश्वास था की के के हॉस्पिटल में अच्छा इलाज होता है और हम उनको वही लेकर जाएंगे। लॉरी में डॉक्टरों ने कुछ जांचें करवाई फिर हम मरीज को लेकर ट्रामा सेंटर गए ट्रामा सेंटर से फिर हम केके हॉस्पिटल लेकर आ गए। दो दिन से इलाज ठीक चल रहा था आज दोपहर में इनको शायद हार्ड अटैक हुआ मेरे पास फोन गया तो मैंने कहा कि अगर हार्ड अटैक हुआ है और धड़कन बंद भी हो गई है तो पहले एक सुनहरे घंटे में अगर हम इन को लारी पहुंचा दें तो शायद कुछ ठीक हो सकता है। लेकिन हॉस्पिटल के लोगो ने अपने पेपर वर्क में लगभग डेढ़ घंटा लगा दिया और इनका पूरा स्टाफ गायब था। जब हम लारी लेकर पहुंचे तो वहां के डॉक्टरों ने बताया कि अगर आप 10 मिनट पहले ले आते तो हम कुछ कर सकते थे। इस हॉस्पिटल का जो गैर जिम्मेदाराना रवैया रहा हमें गुस्सा इस बात का है। और हमने अपना पेशेंट खोया तो खोया लेकिन हम नहीं चाहते हैं कि ऐसा किसी और के साथ हो और इसके लिए जो भी कानूनी कार्रवाई होगी एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम पूरी करेंगे।

वहीं दूसरी ओर के.के. हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरीटेंडेंट का कहना है की मरीज की हालत काफी क्रिटिकल थी परिजनों को इसकी जानकारी दे दी गई थी। कई बीमारियों से बसंत लाल ग्रसित है जिन का इलाज यहां चल रहा था ।

बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई इसी दौरान परिजन मृतक का शरीर लेकर अस्पताल से निकले और उसके बाद 50 से 60 लोगों को बुलाकर अस्पताल में तोड़फोड़ की और मारपीट की वहीं मेडिकल सुपरीटेंडेंट का कहना है सूचना पर पहुंची पुलिस जब परिजनों को शांत करा रही थी, उसी दौरान एक युवक ने दरोगा को थप्पड़ मार दिया । जिसकी जानकारी मिलते ही मौके पर काफी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंच गई और युवक को हिरासत में लिया जिसके बाद ही परिजनों का आक्रोश शांत हुआ ।

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