खनन अधिकारी व स्थानीय पुलिस प्रशासन की सरपरस्ती में जारी है अवैध खनन
नवनीत दीक्षित
सीतापुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेने के साथ ही भू और खनन माफिया पर नकेल कसने की प्राथमिकता को अपने एजेंडे में शामिल किया था। लेकिन सीतापुर में मुख्यमंत्री के ये दोनों ही मिशन पूरी तरह फेल होते नजर आते हैं। अवैध खनन की बात करें तो मिट्टी का अवैध खनन लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकारी नियमों के विपरीत सांठगांठ के खेल से खनन माफिया पूरी रात मिट्टी का खनन करते हैं और इसमें थाना पुलिस की मिलीभगत जहां प्रमुख रूप से होती है।
जिले में अवैध खनन अपने चरम पर है। जंहा जिला खनन अधिकारी व स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिली भगत से शाम होते ही जेसीबी मशीने चालू हो जाती है। जिले में खुले आम अवैध खनन होता चला आ रहा है पर स्थानीय प्रशासन योगी सरकार की धज्जियां उड़ाता नजर आ रहा है।
पिछले दिनों प्रदेश की योगी सरकार ने अवैध खनन पर सख्त चेतावनी दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अवैध खनन हुआ तो अफसरों की खैर नहीं है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवैध खनन की शिकायत मिलने पर माफियाओं के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए. उन्होंने उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों से कहा कि अवैध खनन की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाए.
पर सीतापुर जिले में उल्टी गंगा बहती नजर आ रही है।
जिले में खैराबाद,लहरपुर,बिसवां,मिश्रिख,तंबौर,सकरन आदि जगहों पर खनन माफिया सक्रिय रहते है।कही बालू तो कही मिट्टी का खनन जोरो पर है।
शाम होते ही जेसीबी मशीन धरती का सीना चीर कर अवैध खनन करते हुए सकैडो बीघा जमीन को बंजर बनाने का काम किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में अवैध खनन हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है। पिछली सरकारों में जमकर अवैध खनन हो रहा था और उसको राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त था। योगी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही अवैध खनन के खिलाफ सख्त रही है। समय-समय पर प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए अभियान चलाया जाता रहा है।
जिला खनन अधिकारी का अपना अलग ही स्वेग है
👉रॉयल्टी के नाम पर होता है बड़ा खेल
👉शहर में मौरंग व अन्य वाहनों की एंट्री के नाम पर होता है लाखो रुपयों का खेल-सूत्र
👉ठेकेदारों को बालू की रॉयलिटी में 20 रुपये प्रति घन देना पड़ता है सुविधा शुल्क-सूत्र
👉 2500 रुपये बालू की बुकलेट पर सुविधा शुल्क- सूत्र
सीतापुर सूत्रों से जिले में स्थित भठ्ठा मालिको अन्य बिल्डरों के नाम पर जो रॉयल्टी जारी होती है उसका गाटा संख्या कही का व खनन कही करवाया जाता है।
जिला खनन अधिकारी संजय प्रताप काफी समय से सीतापुर में कार्यरत है ।पिछले समय मे इनके पास हरदोई जिला का भी प्रभार रहा है। सूत्रों के अनुसार कुछ महीने पहले इनका स्थांतरण की सुगबुगाहट हुई थी पर अपने प्रभाव व रसूख के दम पर स्थांतरण रुकवा लिया था आपकी पकड़ व पैसों के दम पर आज भी अपने पद पर आसीन है।
जिला खनन अधिकारी की आमदनी एक जांच का विषय हो सकता है।
कैनविज टाइम्स जिला ब्यूरो ने कई बार फोन मिला कर हो रहे अवैध खनन के बारे में जानकारी चाही पर साहब ने फोन उठान उचित नही समझा ।
जब पत्रकारों का फोन नही उठता तो आम आदमी का ईस्वर ही मालिक है।