– केंद्र सरकार ने एन-95 मास्क का प्रयोग न करने की दी सलाह
ब्यूरो रिपोर्ट-नवनीत दीक्षित
सीतापुर, 24 जुलाई। क्या आप वॉल्व वाले वाल्वड रेसपिरेटर्स एन-95 मास्क का प्रयोग कर रहें हैं, यदि हां तो फिर सावधान हो जाएं । यह मास्क कोरोना संक्रमण भी फैला सकता है। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ. राजीव गर्ग ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशकों को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने आमजन द्वारा एन-95 मास्क के प्रयोग को रोकने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आमजन से अपील की है कि वह साधारण कपड़े से बने मास्क का प्रयोग करें। उनका कहना है कि एन-95 मास्क विशेष परिस्थितियों में अस्पतालों के चिकित्सकों के लिए या फिर प्रदूषण से बचाव के लिए लगाये जाते हैं।
इस तरह नुकसान पहुंचाता है एन-95 मास्क —
वॉल्व वाले वाल्वड रेसपिरेटर्स मास्क को पहनने पर वॉल्व के माध्यम से बाहर की हवा अंदर नहीं आती है। मास्क के माध्यम से हवा अंदर आती है, इससे कोरोना वायरस के हवा के साथ अंदर जाना संभव नहीं है। मगर, जब सांस छोडते हैं तो वॉल्व के माध्यम से वह बाहर निकल जाती है। ऐसे में वॉल्व वाला मास्क पहने वाला व्यक्ति कोरोना संक्रमित है, वह सांस छोडता है, यह वॉल्व के माध्यम से बाहर निकलेगी। इससे आस पास खडे लोगों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा है। इसके चलते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वाल्व वाले एन 95 मास्क के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। बिना वाल्व वाले एन 95 मास्क ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
धूप में ना रखे, हर दिन बदलें मास्क
मास्क का इस्तेमाल एक बार करने के बाद उसे हाइपोक्लोराइट और ब्लीचिंग पाउडर के घोल में डालने के बाद फेंक सकते हैं। मास्क को धूप में रखकर दोबारा ना पहनें। कपडे के मास्क को साबुन से धो कर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं।
कब कौन सा मास्क पहनें
कोरोना संक्रमित मरीज और संक्रमित मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर ही एन 95 मास्क पहनें। बाजार, अस्पताल या फिर किसी अन्य भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने वाले लोग सर्जिकल मास्क और ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग करें। जहां पर कोरोना संक्रमित मरीज नहीं हैं, वहां कपड़े के मास्क पहने जा सकते हैं।