फेफड़े के कैंसर की दसवीं दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ शुभारंभ:- कैनविज टाइम्स

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फेफड़े के कैंसर की दसवीं दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ शुभारंभ:- कैनविज टाइम्स 

लखनऊ। (वहाब उद्दीन सिद्दीकी) शनिवार को राजधानी के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के अटल बिहारी बाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में फेफड़े के कैंसर की दसवीं दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में आयोजन सचिव एवं रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने बताया किया लंग कैंसर की दसवीं नेशनल कॉन्फ्रेंस है जो कि लखनऊ में आज पहली बार आयोजित हो रही है। युवा बस्ता में जो सोसाइटी है इंडियन सोसायटी फॉर इस्टडी ऑफ लंग कैंसर उसकी यह दसवीं कॉन्फ्रेंस है और इस कॉन्फ्रेंस में भारत देश के अलावा कई अन्य देशों से भी लंग कैंसर के एक्सपर्ट आए हुए हैं। हमारे देश में लंग कैंसर की एक बहुत भयंकर स्थिति है पूरी दुनिया में पुरुषों में सबसे कॉमन कैंसर जो होता है वह फेफड़ों का कैंसर होता है हमारे देश में भी यह दूसरे नंबर का कैंसर है इस कैंसर की सबसे खास बात यह है कि इसमें मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। हमारे देश में प्रतिवर्ष लगभग एक लाख 47 हजार लोगों का इलाज इस बीमारी में होता है जिसमें से प्रति वर्ष 90000 लोगों की मौत इस बीमारी के चलते हो जाती है। 30 साल पहले जमाना था जब लंग कैंसर का कोई इलाज नहीं हुआ करता था और हम मरीज से कहते थे यदि यह दो चार सप्ताह जी जाएं तो बहुत है अब हमारी मेडिकल लाइन में इतनी तकनीक आ चुकी है कि अब हम मरीज से कह सकते हैं कि वह लगभग 6 से 7 साल तक जिंदा रह सकता है। इस कार्यक्रम में तंबाकू पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के विषय पर भी चर्चा होगी जिसके बाद सरकार के सामने तंबाकू पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। कार्यक्रम की विशेषता यह थी कि यह संगोष्ठी तंबाकू धूम्रपान प्लास्टिक रहित आयोजित की जा रही थी इसमें प्रतिभागियों को प्लास्टिक रहित बैच प्रदान किए गए तथा संगोष्ठी का विषय स्टॉप स्मोकिंग रिड्यूस एयर पोलूशन प्रिवेंट लंग कैंसर था। इस संगोष्ठी का उद्घाटन मोमबत्ती ना जलाकर इलेक्ट्रिक लाइट जलाकर किया गया। उद्घाटन सत्र में डॉ सूर्यकान्त द्वारा लिखित पुस्तक इन अपडेट ऑन लंग कैंसर का विमोचन भी किया गया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने सरकार द्वारा फेफड़े के कैंसर के गरीब रोगियों के उपचार हेतु पूर्ण सहयोग देने की बात कही। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना तथा उज्ज्वला योजना फेफड़े के कैंसर के रोगियों का उपचार एवं बचाव में सहायक सिद्ध हो रही है। डॉ शर्मा ने संगोष्ठी के पदाधिकारियों को यह आश्वासन दिया कि तंबाकू के प्रतिबंध का कोई प्रस्ताव आप लेकर आए तो वह भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आप की मांग को अग्रसारित करेंगे। इस अवसर पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए बताया कि लगभग 40 वर्ष पहले फेफड़े के कैंसर का उपचार लगभग ना के बराबर होता था किंतु चिकित्सा जगत की प्रगति के साथ फेफड़े के कैंसर का उपचार संभव है यदि रोगी प्रारंभिक अवस्था में ही उपचार शुरू कर दे तो वह 5 वर्ष या उससे भी अधिक जीवित रह सकता है। इस संगोष्ठी में 250 से अधिक चिकित्सक, वैज्ञानिक एवं शोधार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। इसमें राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ साथ सार्क देशों के प्रतिनिधि भी प्रतिभाग कर रहे हैं संगोष्ठी के वैज्ञानिक सत्रों में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद (लखनऊ) डॉ सुमित आरा चौधरी (कोलकाता) डॉक्टर आर.के. दीवान (दिल्ली) डॉ अजीजुर रहमान (बांग्लादेश) डॉक्टर रिचा गुप्ता (तमिलनाडु) एवं पीजीआई चंडीगढ़ से डॉक्टर राकेश कपूर, डॉ अमन जीत बल, नवनीत सिंह ने फेफड़े के कैंसर पर अपना व्याख्यान दिया

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