पितृपक्ष यानी पितरों की पूजा सोमवार यानि आज से शुरू हो रहे हैं। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष जिसे श्राद्ध भी कहा जाता है जिसका विशेष महत्व होता है। श्राद्ध पक्ष हर साल आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हो रहे हैं और आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक रहेंगे। पितृ पक्ष में यमलोक से सभी पितर पृथ्वी पर जीवित अपने सगे संबंधियों से तृप्ति के लिए धरती पर आते हैं। पितृ पक्ष के दौरान पितरों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म आदि किए जाते हैं। पितृपक्ष पितरों का ध्यान और तर्पण विधि की जाती है, जिनकी वजह से हम इस दुनिया में हैं। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि पितृगण देवताओं के समान ही आशीर्वाद और शाप देने की क्षमता रखते हैं। इनकी प्रसन्नता से परिवार में उन्नति और सफलता आती है और नाराजगी से परिवार में कोई न कोई परेशानी बनी रहती है। आइए जानते हैं कि किस दिन कौन सी तिथि का श्राद्ध होगा। बता दे कि इस साल 26 सितंबर को पितृ पक्ष की कोई तिथि नहीं है….
संपूर्ण पक्ष में श्राद्ध की तिथियां :
पूर्णिमा श्राद्ध – 20 सितंबर
प्रतिपदा श्राद्ध – 21 सितंबर
द्वितीया श्राद्ध – 22 सितंबर
तृतीया श्राद्ध – 23 सितंबर
चतुर्थी श्राद्ध – 24 सितंबर
पंचमी श्राद्ध – 25 सितंबर
षष्ठी श्राद्ध – 27 सितंबर
सप्तमी श्राद्ध – 28 सितंबर
अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर
नवमी श्राद्ध – 30 सितंबर
दशमी श्राद्ध – 1 अक्टूबर
एकादशी श्राद्ध – 2 अक्टूबर
द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्टूबर
त्रयोदशी श्राद्ध – 4 अक्टूबर
चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्टूबर
अमावस्या श्राद्ध- 6 अक्टूबर