मध्य प्रदेश के बागी विधायक बोले- हमें बीजेपी में नहीं मिला सम्मान, इस्तीफा देना पक्का

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नारायण त्रिपाठी ने आगे कहा,  बीजेपी में अन्य दल के आए हुए आदमी का मान-सम्मान खत्म कर दिया जाता है. शिवराज जी मेरे बड़े भाई जैसे हैं. चुनाव में एक-एक गांव पर घोषणा तो कर डाली, लेकिन घोषणा के बाद एक काम नहीं हुआ. मैं जाति की राजनीति, घर परिवार की राजनीति, धंधे की राजनीति नहीं करता. मैं राजनीति करता हूं केवल विकास की.

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. आज विधानसभा में बिल पर हुई वोटिंग में दो बीजेपी विधायकों ने कमलनाथ सरकार का समर्थन कर दिया. इसके बाद दोनों विधायकों ने कांग्रेस जॉइन करने के संकेत दिए. अब ये साफ भी हो गया है कि दोनों विधायक कांग्रेस का हाथ पकड़ने वाले हैं.

बीजेपी के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी से पार्टी छोड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से मिले अनुभव के बाद मैंने कांग्रेस जॉइन करने का फैसला किया है. मैं 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी मर्जी से बीजेपी में नहीं गया था, मुझे जबरदस्ती भारतीय जनता पार्टी में ले जाया गया था. मैंने बीजेपी जॉइन करने की कोई शर्त भी नहीं रखी थी. मैंने सिर्फ विकास का मुद्दा उठाया था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी वह पार्टी है जहां अन्य दल का कोई भी नेता या कोई भी आदमी जाता है तो बड़े अच्छे से बुलाया जाता है. वहीं जब वह वापस जाता है तो किसी तरह की राजनीति करने लायक नहीं रहता.

नारायण त्रिपाठी ने आगे कहा, बीजेपी में अन्य दल के आए हुए आदमी का मान-सम्मान खत्म कर दिया जाता है. शिवराज जी मेरे बड़े भाई जैसे हैं. चुनाव में एक-एक गांव पर घोषणा तो कर डाली, लेकिन घोषणा के बाद एक काम नहीं हुआ. मैं जाति की राजनीति, घर परिवार की राजनीति, धंधे की राजनीति नहीं करता. मैं राजनीति करता हूं केवल विकास की. मैहर का विकास नहीं हुआ और कोई मान-सम्मान भी नहीं मिला तो मुझे लगा कि इस घर में रहने की जरूरत नहीं है. देश की परिस्थितियों से मैं बहुत दुखी था जिसके कारण आज मैं भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर कांग्रेस में आ गया.

नरायण त्रिपाठी से जब बीजेपी छोड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा, भारतीय जनता पार्टी में तो हूं ही नहीं. मैं खुलेआम ये बात कर रहा हूं. कांग्रेस में बैठा हूं, भाई साहब (सुरेश पचौरी) के साथ बैठा हूं.

दूसरे बागी बीजेपी विधायक शरद कौल ने कहा, मैं भी 10 साल कांग्रेस परिवार में रहे और हमने पूरी जनभावनाओं से क्षेत्र में काम किया. जनहित की लड़ाई लड़ी और उसी उम्मीदों के साथ पब्लिक ने हमें मौका दिया और हम यहां भारतीय जनता पार्टी की ओर से जीत कर आए हैं. जनता ने हमें मौका दिया है और हम 5 साल में विकास नहीं कर सकते तो हमारा यहां रहने का कोई मतलब नहीं है. हमें पूरा विश्वास है और कमलनाथ के नेतृत्व में हम अपने क्षेत्र के विकास में अग्रणी होंगे और उनके नेतृत्व में अपने क्षेत्र का विकास कर पाएंगे. हमने बीजेपी से पूरी तरह से इस्तीफा देने का मन बना लिया है.

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