प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है। आज सावन का आखिरी प्रदोष व्रत है। 23 अगस्त को भाद्रपद की शुरुआत हो जाएगा और सावन महीना समाप्त हो जाएगा। शुक्रवार के दिन पढ़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष कहा जाता है। माना जाता है कि आज के दिन भगवान शिव भक्तों से जल्द प्रसन्न होते है और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
शुक्र प्रदोष व्रत पूजा करने की विधि
शुक्र प्रदोष के दिन नहा धोकर सफेद व गुलाबी रंग के कपड़े पहनना चाहिए । केले के पेड़ के नीचे गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए । सारा दिन भगवान शिव के मंत्र ओम नमः शिवाय और नारायण नारायण मन ही मन जाप करते रहना चाहिए।
शुक्र प्रदोष के उपाय करने से बाधाएं दूर होंगी
शुक्र प्रदोष के दिन भगवान शिव के साथ शुक्र ग्रह का भी पूजन करना चाहिए। शुक्र प्रदोष का व्रत रखने और विशेष उपाय करने से विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं। आज के दिन कुछ खास उपाय करने से ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। शुक्र प्रदोष के दिन सफेद चंदन को गंगाजल में मिलाकर शिवलिंग पर लेप करने से शुक्र दोष समाप्त हो जाता है। अगर विवाह संबंधित कोई समस्या आती है तो शुक्र प्रदोष के दिन गौरीशंकराय नमः मंत्र का जाप करने से बाधाएं दूर हो जाती है।