आखिर टिकट तुम कब आओगे

0
263

टिकट तुम कब आओगे

नवनीत दीक्षित

हम अपने दिल को कुछ इस तरह समझा रहे हैं
वो अब चल चुके हैं अब आ रहे हैं।

👉सीतापुर सदर सीट पर है खास से आम की नजर चर्चा जोरों पर

👉 27 जनवरी से शुरू हो चुका है पर्चा दाखिला

👉सीतापुर सीट पर टिकट के लिए सूत्र भी पड़ गए फीके टिकट दावेदारो के सुर हुए ढीले

 

शकील बदायूँनी ने भले ही यह शेर किसी का इंतजार कर रहे व्यक्ति के ऊपर लिखा हो लेकिन इस समय यह शेर सीतापुर से भाजपा के टिकट का इंतजार कर रहे लोगों के ऊपर बिल्कुल फिट बैठता है।
आज 31 जनवरी हो चुकी है और 23 फरवरी को मतदान होना है लेकिन अभी तक सीतापुर सदर, महोली,सिधौली, भाजपा का टिकट डिक्लेअर नहीं हुआ है ऐसा लगता है कि जैसे भाजपा इस मुगालते में जी रही है कि भाजपा के पास वोटों की अम्बार है और वह जिसको टिकट देगी वह अम्बार उसी प्रत्याशी को मिल जाएगी और वह बिना मेहनत किए, बिना लोगों से मिले, बिना दौड़-धूप किए अपने आप चुनाव जीत जाएगा।
सपा, बसपा और कांग्रेस तीनों के टिकट डिक्लेअर हो चुके हैं सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं और एक भाजपा है जिसका समर्थक, वोटर दिन भर में सैकड़ो बार सब को फोन मिलाता है और पूछता है कि किसका हुआ भाई, कब होगा टिकट, होगा भी कि नहीं होगा। पिछले करीब 10 दिनों से भाजपा के समर्थकों और वोटर्स का यही हाल है लेकिन पार्टी है कि मूक दर्शक बनी बैठी है।
और प्रत्याशियों की बेचैनी का तो यह आलम है

कि मेरी जिंदगी का दारोमदार है कजा पर
और यह भी उनकी अदाओं के अख्तियार में है

मतलब यह कि मेरे टिकट का दारोमदार अब पार्टी के ऊपर है और यह उसकी सोच के ऊपर निर्भर करता है कि हम प्रत्याशी बनने लायक हैं या नहीं।
कुल मिलाकर शेरो शायरी तो अपनी जगह पर है लेकिन अब वक्त की नजाकत को भी देखते हुए और प्रत्याशियों और समर्थकों की बेचैनी को देखते हुए भी पार्टी को अपना प्रत्याशी घोषित कर देना चाहिए। जिससे वह इतनी बड़ी विधानसभा में कुछ मेहनत कर सके, लोगों से मिल सके, दौड़ धूप सके और बीजेपी के लिए वोट मांग सके। अन्यथा इस देरी का खामियाजा भाजपा के प्रत्याशी को ही नहीं पूरी विधानसभा के भाजपाइयों को और पार्टी को स्वयं भी भुगतना पड़ सकता है।

खबर लिखे जाने तक भाजपा ने 3 टिकट और घोषित किये है पर उनमें सीतापुर का नाम दूर दूर तक नही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here