संयुक्त चिकित्सालय (टीबी अस्पताल) में नही हो रही अल्ट्रासाउंड जांचें।:- कैनविज टाइम्स

0
471

संयुक्त चिकित्सालय (टीबी अस्पताल) में नही हो रही अल्ट्रासाउंड जांचें।:- कैनविज टाइम्स

 

रिपोर्टर:-वहाब उद्दीन सिद्दीक़ी

लखनऊ। सरकार टीबी मरीजों पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर रही है जिससे इसके मरीजों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। वहीं स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों में बैठे अफसर लाभ्यार्थी मरीजों को इन सुविधाओं से वंचित कर रहे हैं। राजधानी के ठाकुरगंज स्थित टीबी संयुक्त चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड जांच ठप पड़ी है। करीब ढ़ाई साल पहले रेडियोलाॅजिस्ट का तबादला होने से जांच ठप पड़ी है। जिसका लाभ मरीज़ों को नहीं मिल रहा है। बल्न्कि मरीजों को अपनी जेबें ढ़ीली करके प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर में जा कर जांच करवाना पड़ रहा है। टीबी संयुक्त चिकित्सालय में करीब 100 बेड हैं। रोजाना ओपीडी में सात से आठ सौ मरीज आ रहे हैं। मेडिसिन, सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, टीबी एवं सांस रोग, बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती है। डाॅक्टर पेट संबंधी बीमारी की आशंका में मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच लिख रहे हैं। प्रतिदिन 50 से ज्यादा मरीजों की अल्ट्रासाउंड जांच हो रही है। गुजरे करीब ढ़ाई साल से अल्ट्रासाउंड मशीन बंद पड़ी है। अधिकारियों का कहना है कि रेडियोलाॅजिस्ट डाॅक्टर प्रभात झा मरीजों का अल्ट्रासाउंड जांच कर रहे थे। इसी दौरान उनका तबादला हो गया। उसके बाद से किसी रेडियोलाॅजिस्ट की अस्पताल में तैनाती नहीं हुई। मशीन बंद होने से उसके खराब होने की आशंका जाहिर की जा रही है। टीबी हाॅस्पिटल में मरीज को जांच कराने की सलाह तो दी जा रही है किन्तु सुविधा नहीं मिल पा रही है। अस्पताल में मरीजों की निःशुल्क जांच हो रही थी किन्तु अब मरीजों को तीन सौ से चार सौ रुपये में जांच करानी पड़ रही है। जिससे गरीब मरीज को खासी परेशानी हो रही है। कई बार तो मरीज जांच ही नहीं करा पाते हैं। वहीं प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के मरीज की भी बाहर से जांच कराई जा रही है। टीबी अस्पताल के सीएमएस डाॅक्टर आनंद बोध ने बताया कि रेडियोलाॅजिस्ट की तैनाती के लिए शासन में गुहार लगाई गई है। जल्द ही विशेषज्ञ की तैनाती होने की उम्मीद है। रेडियोलाॅजिस्ट का संकट है शायद इसी वजह से तैनाती में अड़चन आ रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here