मुंबई: सिनेमाजगत के मशहूर निर्देशक यश चोपड़ा का आज के दिन यानी की 27 सितंबर को लाहौर में जन्म हुआ था। बॉलीवुड को बेहतरीन फिल्में देने वाले यश चोपड़ा भले ही आज हमारे बीच नहीं है। लेकिन ‘त्रिशूल’, ‘काला पत्थर’ , ‘सिलसिला’, ‘दिल तो पागल है’, ‘वीर जारा’ और ‘जब तक है जान’ जैसी बहुत सी हिट फिल्में दर्शकों के दिल में हमेशा यादगार रहेगी।
दरअसल, यश चोपड़ा ने एक छोटे से कमरे से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी। आज यही कंपनी इडंस्ट्री की सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी हैं। जिसके बाद उन्होंने सिनेमाजगत में सफलता का नया मुकाम हासिल किया। यहीं नही इन्होंने कई कलाकारों के हुनर को पहचानते हुए एक उभरते हुए सितारे को अलग मुकाम पर पहुंचाया। इन्होने हिंदी सिनेमा की परिभाषा ही बदल दी। फिल्म ‘दीवार’ से अभिनेता अमिताभ बच्चन का किरदार हो या फिर फिल्म सिलसिला में अलग रोल, यश चोपड़ा ने लम्हे और दाग जैसी फिल्मों में भी प्यार का अनोखा अंदाज दर्शाया हैं।
आपको बता दें की यश चोपड़ा निर्देशक के जगह इंजीनियर बनना चाहते थे। मगर इससे पहले ही उन्होने अपने भाई बी आर चोपड़ा के साथ फिल्मों के निर्देशन में उन्हें असिस्ट करना शुरू कर दिया। यश बेहद प्रतिभाशाली थे उनकी इस प्रतिभा को समझा अभिनेत्री वेजयंती माला से मिली। साल 2001 में यश चोपड़ा को हिन्दी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया।