शनिवार को ‘शुभ’ योग में करें शनि देव की पूजा, जानें कब से कब तक है राहु काल

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कोलकाता : मकर राशि में शनि देव वर्तमान समय में वक्री होकर गोचर कर रहे हैं। मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। शनि देव की पूजा के लिए शनिवार का दिन सबसे अच्छा माना गया है। मान्यता कि कि शनिवार के दिन पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। जिन लोगों पर शनि की अशुभ दृष्टि है वे शनिवार के दिन विधि पूर्वक पूजा करते हैं तो शनि देव प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

शनि देव को कैसे प्रसन्न करें?
शनि देव शनिवार के दिन शनि मंत्र और शनि चालीस का पाठ करने से प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही शनि देव उन लोगों से भी प्रसन्न होते हैं जो नियम का पालन करते हैं। किसी का अहित नहीं करते हैं। परिश्रम करने वालों का सम्मान करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।

शनि देव के गुरु कौन हैं?
शनि देव भगवान शिव के परम भक्त हैं। शनि देव के गुरु भगवान शिव हैं। शनि देव को सभी ग्रहों में न्यायाधीश की उपाधि भगवान शिव ने ही प्रदान की है। शनि देव भगवान शिव की पूजा से प्रसन्न होते हैं। शनि देव शिव भक्त और हनुमान भक्तों को परेशान नहीं करते हैं।

14 अगस्त को बन रहा है शुभ योग
शनि देव की पूजा करने के लिए 14 अगस्त, शनिवार को विशेष संयोग बना हुआ है। पंचांग के अनुसार श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन चित्रा नक्षत्र का समापन प्रात: 06 बजकर 59 मिनट पर हो रहा है। इसके बाद स्वाति नक्षत्र आरंभ होगा। इस दिन शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। शनिवार के दिन शुभ योग प्रात: 11 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहु काल प्रात: 09 बजकर 07 मिनट से प्रात: 10 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। राहु काल में पूजा का लाभ प्राप्त नहीं होता है।

 

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