नई दिल्ली। अखिल भारतीय पंचायत परिषद के राष्ट्रीय मुख्यालय पंचायत धाम मयूर बिहार फेस-वन, में स्थापना दिवस के अवसर पर संगोष्टी का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में देश भर के पंचायत परिषद के पदाधिकारी, ग्रामीण मामलों के जानकार और ढेर सारे पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए।
गौरतलब है कि अखिल भारतीय पंचायत परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कांत सहाय के निर्देश पर सभी प्रदेश अध्यक्षों, सदस्यों एवं पदाधिकारियों द्वारा परिषद के 65वें स्थापना दिवस 12 अप्रैल को अपने -अपने राज्यों एवं जिलों में “ पंचायत परिषद नें क्या खोया, क्या पाया और आगे हमें क्या पाना है ?” विषय पर गोष्टी का आयोजन किया गया। परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ अशोक चौहान ने बताया कि गाँधी जी के ग्राम स्वराज के स्वप्न को साकार करने के लिए लोक नायक जय प्रकाश नारायण और बलवंत राय मेहता जैसे देश की महान विभूतियों के द्वारा 12 अप्रैल 1958 को अखिल भारतीय पंचायत परिषद की स्थापना की गई थी। अपने स्थापना काल से ही परिषद सत्ता के विकेंद्रीकरण और गावों के मजबूती के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
इस अवसर पर पंचायत परिषद के मीडिया सलाहकार बद्री नाथ ने कहा कि बड़े गर्व की बात है कि हमारी संस्था के संस्थापक अध्यक्ष बलवंत राय मेहता के सुझावों नें देश में पंचायती राज को नए आयाम दिया। रचना और संघर्ष हमारी परंपरा रही है। इसी के बलबूते अखिल भारतीय पंचायत परिषद देश की तरक्की और लोकतंत्र के निचले स्तर को सशक्त करने में अहम् योगदान देता रहा है। उन्होंने बताया, देश भर से आए अहम् सुझावों से ए आई पी पी आगे की कार्ययोजना तैयार करेगी। इन सुझावों को देश के हर पंचायती महकमों में भेजकर पंचायत सुधारों का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। इस मौके पर महामंत्री ध्यान पाल सिंह जादौन, यूपी प्रभारी गवेंदर सिंह, बागपत के गुंगाखेड़ी गांव के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सरपंच भूपेंद्र सिंह आदि गणमान्य भी उपस्थित रहे।