प्रथम वातायन काव्य संध्या आयोजित

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लखनऊ,23अप्रैल। लखनऊ महानगर की नवोदित साहित्यिक प्रतिभाओं को सार्थक मंच प्रदान करने के लिये वातायन काव्य मंच का शुभारंभ 21अप्रैल को आयोजित एक काव्य संध्या के माध्यम से हुआ। नेहरू एनक्लेव स्थित वातायन काव्य मंच की संस्थापिका श्रीमती कुमुद मिश्रा के आवास पर आयोजित प्रथम वातायन काव्य गोष्ठी का कुशल संचालन अहमदाबाद निवासिनी कवियित्री डा.शांति शर्मा ने किया।भारत के सफल भूवैज्ञानिक और हिंदी कवि प्रमोद शंकर मिश्र ‘प्रमोद’ की स्मृति संध्या के रूप में आयोजित इस प्रथम वातायन कवि गोष्ठी में उनके परिजनों की मुख्य उपस्थिति रही।
कवि प्रमोद के छह वर्षीय नाती आदित्य मुद्गल के द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना के उपरांत प्रारंभ इस कवि गोष्ठी में श्रीमती कुमुद मिश्रा, श्रीमती निशा मिश्रा, श्रीमती अनुमति शुक्ला,श्रीमती अनुरक्ति मुद्गल, श्रीमती अनुकृति मुद्गल,श्रीमती अर्चना त्रिपाठी,कुमारी जाह्नवी,श्रीमती अनुगीति गौड़ के अलावा कवि प्रमोद के नाती अन्वेष शुक्ला और भतीजे अनुराग मिश्रा आदि ने भी अपनी रचनाओं का पाठ किया।
सायंकाल 7 बजे से प्रारंभ हुई प्रथम वातायन काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं वरिष्ठ कवियित्री श्रीमती सुशीला मिश्रा ने अपने पति प्रकाश शंकर मिश्र ‘प्रकाश’ की एक प्रतिनिधि हिंदी रचना और गजल सुनायी।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अहमदाबाद से आये टेक्सटाईल इंजीनियर विनोद शर्मा ने कवि प्रमोद के साथ अपने चार दशक लंबे संबंधों को याद करते हुए उनके सहृदय व्यक्तित्व और साहित्यिक क्षमताओं पर चर्चा की।कवि प्रमोद के लखनऊ निवासी परिजनों में उनके दामाद मनीष शुक्ला और मनोज गौड़ ने अपने विचार व्यक्त किये।लगभग चार घंटे तक चले इस साहित्यिक कार्यक्रम के सफल आयोजन में श्रीमती कुसुम सिंह और एसके सिंह ने अपना सक्रिय सहयोग दिया।
साहित्य संध्या के उपरांत पत्रकारों को जानकारी देते हुए वातायन काव्य मंच की संस्थापिका डा.कुमुद मिश्रा ने बताया कि लखनऊ में नवोदित बाल और युवा गीतकारों की प्रतिभाओं को सार्थक मंच देने के अलावा वरिष्ठ हिंदी कवियों और अन्य भाषाओं के चर्चित-अचर्चित रचनाकारों के जन्मदिवसों पर संक्षिप्त समारोहों और बौद्धिक परिसंवादों का आयोजन संस्था द्वारा किया जायेगा।

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