KGMU में डायबिटिक रेटिनोपैथी वर्चुअल अवेयरनेस प्रोग्राम अयोजित किया गया

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KGMU में डायबिटिक रेटिनोपैथी वर्चुअल अवेयरनेस प्रोग्राम अयोजित किया गया

वहाब उद्दीन सिद्दीकी

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय में नेत्र रोग विभाग द्वारा बुधवार को डायबिटिक रेटिनोपैथी वर्चुअल अवेयरनेस प्रोग्राम अयोजित किया गया। यह कार्यक्रम डब्ल्यूएचओ वर्ल्ड डायबिटिज डे के अवसर पर डायबिटिज संबंधी रेटिनोपैथी जागरूकता कार्यक्रम के मौके पर अयोजित किया गया था। उक्त कार्यक्रम का आयोजन नेत्र रोग विभाग के प्रो. संदीप सक्सेना द्वारा किया गया। इस अवसर पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल ( डॉ ) बिपिन पुरी ने नियमित रूप से ग्लूकोज की निगरानी और दवाओं की आवश्यकता, स्वस्थ जीवन शैली के विकल्प और डायबिटिज और इसकी जटिलताओं के नियंत्रण के लिए नियमित चिकित्सीय परामर्श लेने पर जोर दिया । उन्होंने डायबिटिज संबंधी रेटिनोपैथी के कारण होने वाले अंधेपन की रोकथाम की दिशा में एक साथ काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। कुलपति ने बताया कि डायबिटिज मेलेटस एक मल्टीसिस्टम विकार है । 2019 में अंतर्राष्ट्रीय डायबिटिज फेडेरेशन के मुताबिक डायबिटिज मेलेटस दुनिया भर में 463 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है तथा एक अनुमान के अनुसार यह संख्या 2030 तक 578 मिलियन और 2045 तक 700 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है । 2019 में भारत डायबिटिज रोगियों के मामले में लगभग 77 मिलियन लोगों की संख्या के साथ दुनिया में दूसरे स्थान पर है । उन्होंने बताया कि एक स्वस्थ आहार , नियमित शारीरिक गतिविधि , शरीर के सामान्य वजन को बनाए रखना और तंबाकू के सेवन से बचना टाइप 2 डायबिटिज की शुरुआत को रोकने या देरी करने के तरीके हैं। ब्लड शुगर और लिपिड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए डायबिटिज का चिकित्सा उपचार नेत्र संबंधी जटिलताओं को रोकने के लिए आवश्यक है । विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग की प्रगति से बचने में प्रभावी साबित हुए हैं। यदि क्रोनिक किडनी रोग हुआ है तो रेटिना की भागीदारी की एक उच्च संभावना है। लगभग पिछले कई दशकों से लेजर फोटोकैग्यूलेशन डायबिटिक रेटिनोपैथी की की रोकथाम में कारगार साबित हुई है। इंट्राविट्रियल एंटी – वी.ई.जी.एफ. थेरेपी की शुरूआत डायबिटिज रेटिनोपैथी के प्रबंधन में मुख्य आधार बन गई है । प्रोलिफेरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी की गंभीर जटिलता में विट्रेक्टमी प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । इंट्राविट्रियल एंटी – वीईजीएफ , रेटिना लेजर और विटेरोएटाइनल सर्जरी सहित तेजी से प्रभावी उपचार के बावजूद, बीमारी की व्यापकता और बढ़ रही है । इस अवसर पर अपने व्याख्यान में उन्होंने मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी में वर्तमान अवधारणाओं और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका एवं डायबिटिक रेटिनोपैथी की नैदानिक विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला। डायबिटिक रेटिनोपैथी का प्रबंधन ‘ विषय पर एक विशेष व्याख्यान प्रोफेसर जेमी चेउंग इफोरकोठ , निदेशक मेडिकल रेटिना, सिंगापुर नेशनल आई सेंटर, सिंगापुर द्वारा दिया गया था।

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