कृषि क्षेत्र में सूचना संचार प्रौद्योगिकी” विषय पर अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ।-कैनविज टाइम्स

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लखनऊ। (वहाब उद्दीन सिद्दी्क़ी) नई दिल्ली में हो रहे एग्रो वल्र्ड 2018 और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित कृषि कुम्भ 2018 में देश, प्रदेश और विदेश से कृषि वैज्ञानिक, कृषि उद्यमी, किसान, कृषि क्षेत्र में कार्य करने वाली कंपनियां तथा कृषि क्षेत्र में कार्य कर रहे सामाजिक संस्थायें भी प्रतिभाग कर रही हैं।
नई दिल्ली में आयोजित एग्रो वल्र्ड 2018 में कृषि, विशेष तौर पर जैविक कृषि के क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न संस्थाओं द्वारा स्टॉल लगाए गए हैं। जहां उत्तर प्रदेश से “आई केयर इंडिया” संस्था द्वारा प्रदेश के जैविक किसानों को प्रोत्साहित एवं जागरूक करने तथा राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच प्रदान करने हेतु कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से, एक स्टॉल भी लगाया गया है। वहीं दूसरी ओर लखनऊ में आयोजित कृषि कुंभ में किसानों के साथ जैविक कृषि के क्षेत्र में प्रतिभाग कर रही है।

इसी क्रम में 26 अक्टूबर को “कृषि क्षेत्र में सूचना संचार प्रौद्योगिकी” विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ जिसका संचालन प्रो० एम० मोनी द्वारा किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश में सराहनीय कार्य कर रही सामाजिक संस्था “आई केयर इंडिया” के मिशन लीडर अनूप गुप्ता जिनका सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश-विदेश में प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ कार्य करने का 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है, द्वारा प्रेजेंटेशन दिया गया।
उनके द्वारा प्रेजेंटेशन में कृषि क्षेत्र में चुनौतियाँ एवं अवसर पर विचार प्रस्तुत किए गए। प्रेजेंटेशन में यह रखा गया कि कृषि के क्षेत्र में चुनौतियों की कोई कमी नहीं है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को स्थानीय विकास के उत्प्रेरक के रूप में शामिल करके और डिजिटल तकनीकी के प्रयोग से विकास की अपार संभावनाओं को सुनिश्चित किया जा सकता है, जैसे स्थानीय भाषा में क्षेत्रीय स्तर पर किसानों हेतु कृषि संबंधी डिजिटल ट्रेनिंग, आपदा एवं मौसम संबंधी चेतावनी व जानकारी, किसानों द्वारा उगाई जा रही प्रत्येक फसल की क्लाउड आधारित जियो इन्फॉर्मेशन साझा करना जिससे मांग-आपूर्ति में सामंजस्य स्थापित किया जा सके।

उनके द्वारा यह भी बताया गया कि आर्टिफिश्यल इंटेलिजेंस आधारित कीटनाशक मैनेजमेंट के अंतर्गत किसान द्वारा भेजी गयी फोटो से रोगों की पहचान कर उपलब्ध डाटाबेस के आधार पर स्वतः या विशेषज्ञों द्वारा उसका विस्तृत निदान प्रदान किया जा सकता है । इसके साथ-साथ विशेष तौर पर जैविक कृषि के क्षेत्र में किसानों के लिए क्षेत्रीय स्तर पर साझा ब्रांड, मार्केटिंग एवं लॉजिस्टिक्स विकसित करते हुये उनके जीवकोपार्जन में केंद्र सरकार की वर्तमान कृषि नीतियों के अनुरूप सुधार लाया जा सकता है ।
लखनऊ में विलेज विंडो से जुड़े हुए किसानों को कृषि की नई तकनीकों और उन्नत परंपरागत जैविक पद्धति से खेती करने के लिए प्रेरित करने हेतु प्रतिभाग कराया। वह किस प्रकार जैविक खेती में इन तकनीकों का प्रयोग कर अपनी पैदावार बढ़ा सकते हैं यह भी जानकारी उन्हें प्रदान की गई।
इस क्षेत्र में “आई केयर इंडिया” संस्था द्वारा जैविक कृषि करने वाले किसानों के उत्पादों को “विलेज विंडों” ब्रांड के रूप में विकसित किया जा रहा है। “आई केयर इंडिया” एक गैर-सरकारी सामाजिक संगठन है, जो पिछले चार वर्षों से लखनऊ व कुछ अन्य जिलों में स्थानीय समुदाय और युवाओं को जोड़कर एवं जिला प्रशासन के सहयोग से, सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के रूपांतरण के लिए अंकुरम कार्यक्रम संचालित कर रहा है। इस वृहद कार्यक्रम से प्रदेश के सौ से ज्यादा सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग पंद्रह हजार से अधिक बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।
संस्था द्वारा कृषि क्षेत्र में सूचना और प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल, ग्रामीण क्षेत्र में स्थानीय समुदाय से निकटता, स्थानीय युवाओं की भागीदारी लाते हुये उनको उद्यमी के रूप में विकसित कर, जैविक खेती में बहुत समय से कार्य कर रहे किसानों का सहयोग तथा जमीनी स्तर पर उपलब्ध कर्मठ टीम के बेहतर सामंजस्य से जैविक उत्पाद हेतु एक साझा विकास मंच तैयार किया जा रहा है जिससे किसानों को जैविक उत्पादों की सभी प्रकार की जानकारी एवं प्रशिक्षण देकर उनको सक्षम बनाया जा सके और बहुआयामी विलेज विंडों मंच के अन्य उद्देश्यों को हासिल लिया जा सके।

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