नई दिल्ली: टाटा ग्रुप को एयर इंडिया की कमान मिल गई है। सरकार ने शुक्रवार को इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है। निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि मंत्रियों की समिति ने एयर इंडिया के लिए विजेता बोली को मंजूरी दी है। टाटा संस ने एयर इंडिया के लिए 18,000 करोड़ रुपये की विजेता बोली दी।
बता दे कि एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा जो खुद एक कुशल पायलट थे, उन्होंने टाटा एयरलाइंस के रूप में इसे शुरू किया था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भारत से सामान्य हवाई सेवाओं की शुरुआत हुई और तब एयर इंडिया को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया । देश की आजादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया और सरकार ने टाटा ग्रुप से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली। इस तरह एयर इंडिया पूरी तरह से इस सरकारी कंपनी बन गई।
सरकार एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। विमानन कंपनी 2007 में घरेलू इकाई इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से घाटे में है। सरकार 2017 से ही एयर इंडिया के विनिवेश का प्रयास कर रही थी। तब से कई मौके पर प्रयास सफल नहीं हो पाये।