जान लीजिए, अब आधार कहां जरूरी है और कहां नहीं

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आधार की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सर्वोच्च अदालत ने आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैद्य माना है। सबसे बड़ी बात यह रही कि आधार कानून की धारा 57 को खत्म कर दिया है। आम भारतीय की जिंदगी पर इसका व्यापक असर पड़ेगा।

जानिए इससे जुड़ी बड़ी बातें –

  • सुप्रीम कोर्ट ने आधार की कानूनी मान्यता बरकरार रखी है और आधार एक्ट की धारा 57 को रद्द कर दिया है। इसके बाद कोई भी निजी कंपनी आपसे आधार कार्ड की जानकारी नहीं मांग सकेगी।
  • वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बैंक खाता खोलने के लिए आधार जरूरी नहीं होगा।
  • पैन कार्ड को खाते से लिंक करने के लिए आधार जरूरी होगा।
  • 6 से 14 साल के बच्चों के स्कूल एडमिशन में अब आधार अनिवार्य नहीं है।
  • अब यूजीसी, नीट और सीबीएसई परीक्षाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा।
  • निजी कंपनियां पर आधार नहीं मांग सकेंगी। यानी अब किसी भी तरह का बीमा करने वाली निजी कंपनियां आधार नहीं मांग सकती हैं।
  • मोबाइल से आधार को लिंक करना भी अब जरूर नहीं है।
  • आयकर दाखिल करते समय आधार जरूरी होगा।

जानिए क्या है धारा 57 ?

बुधवार को आधार की कानूनी मान्यता को लेकर आए बड़े फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट की धारा 57 को रद्द कर दिया है। इस धारा के तहत ये प्रावधान था कि निजी कंपनियां आधार से जुड़ी जानकारियां ले सकती थीं। इसे सुप्रीम कोर्ट ने गलत माना है।

एक्ट की धारा 57 रद्द होने के बाद अब टेलिकॉम कंपनियां, ई कॉमर्स कंपनी, निजी बैंक और इस तरह की दूसरी संस्थाएं उपभोक्ता से सेवा देने की एवज में आधार से जुड़ी बायोमेट्रिक जानकारी नहीं मांग सकते हैं। धारा 57 रद्द करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने डेटा प्रोटेक्शन को लेकर कड़ा कानून बनाने के निर्देश दिए हैं।

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