लखनऊ – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार किसान विरोधी और किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाली सरकार है। किसानों के लिए जितने वादे किए गए उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही कर्जमाफी और 15 दिनों के अंदर गन्ना किसानों के बकाया भुगतान का वादा था। कर्जमाफी के नाम पर किसानों को बड़ा धोखा मिला। कर्ज के बोझ से परेशान किसान आत्महत्या करने को विवश हो गया।
अखिलेश ने आईपीएन को दिए अपने बयान में कहा कि गन्ना किसानों को भी भाजपा सरकार ने सिर्फ बहकाने का काम किया है। एक तो गन्ना का बकाया भुगतान नहीं किया गया दूसरे भाजपा सरकार की नीति गन्ना किसानों के पक्ष में न होकर चीनी मिल मालिकों को समर्थन-संरक्षण देने की है। गन्ना किसानों का मिलों पर 13000 करोड़ रूपए से अधिक का बकाया है जबकि भाजपा सरकार ने मात्र 5,500 करोड़ रूपए का तथाकथित पैकेज भी चीनी मिल मालिकों को दिया। कहा कि भाजपा सरकार गन्ना किसानों को देने के बजाय सीधे मिल मालिकों की थैलियां भर रही है।
अखिलेश ने कहाकि भाजपा सरकार ने गन्ना किसानों का न तो बकाया भुगतान किया और नहीं भुगतान में देरी पर ब्याज देने का वायदा ही निभाया है। होना तो यह चाहिए कि किसानों के भुगतान का पैसा मय ब्याज के उनके खाते में सीधे भेजा जाना चाहिए था। लेकिन भाजपा सरकार की नीतियां न तो किसानों के पक्ष में है और नहीं भाजपा की नीयत साफ है।
अखिलेश ने कहा कि बड़े-छोटे सभी भाजपा नेता किसानों की आमदनी सन् 2022 तक दुगनी करने का वादा करते थकते नहीं लेकिन वे जाहिर नहीं करते कि उनके पास इसके लिए जादू की कौन सी छड़ी है? अगले तीन वर्षो में जिस किसान की आमदनी दुगनी करने का दावा है उन किसानों को इसकी आहट तक नहीं है।
हालत यह है कि आलू किसान, गेहूं-धान और गन्ना किसान सभी संकट में है। आलू किसान अभी तक मदद की राह देख रहा है। गेहूं-धान की खरीद में तमाम अनियमितताएं हुई। खरीद केन्द्रों पर किसान खड़े रहे, कोई सुननेवाला नहीं। न्यूनतम समर्थन मूल्य की कौन कहे?
अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सरकार के कार्यकाल में किसानों को गन्ना का मूल्य 40 रूपए एकमुश्त बढ़ाकर दिया गया था। चीनी मिलों को समय से पेराई शुरू करने और खेतों में जब तक गन्ना है, पेराई चालू रखने का आदेश दिया गया था। किसानों की भलाई के लिए मंडियों की स्थापना शुरू कराई थी। उनको मुफ्त सिंचाई सुविधा दी गई थी। भाजपा ने ये सब किसान हित की व्यवस्थाएं ही खत्म कर दी। भाजपा की नीयत और नीतियां किसानों को पूरी तरह बर्बाद करने की है। भाजपा को भी इस सबका परिणाम भुगताने के लिए तैयार रहना होगा।