नई दिल्ली: भारत में अब ज़्यादातर लोग ऑनलाइन माध्यम से बैंक का खाता खुलवा लेते हैं। इस डिजिटल इंडिया के दौर में बैंक में खाता खोलना काफी सरल हो गया है। लेकिन खाता खोलने के बाद कुछ लोग उसे मेनटेन नहीं कर पाते है।
डिजिटल माध्यम से अपना कार्य कर रहे लोग ट्रांजेक्शन नहीं करते हैं। ऐसा नहीं करने से उनके बैंक अकाउंट इनएक्टिव हो जाते है। बता दें, अपने अकाउंट से ट्रांजेक्शन नहीं करने के वजह से ही बैंक उनलोगों के खाते को इनएक्टिव कर देता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों के अनुसार अगर आपका सेविंग या करंट अकाउंट में दो साल तक कोई भी लेन-देन नहीं होता है तो बैंक द्वारा उस अकाउंट या खाते को इनऑपरेटिव खाते में डाल दिया जाता है। इनऑपरेटिव खाते में जाने के बाद आपका अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है।
अगर आपका खाता दस साल तक इनऑपरेटिव खाते में रह जाता है और उससे कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया जाता है तो आपके उस अकाउंट में जमा पैसे और उसका ब्याज शिक्षा और जागरूकता कोष में ट्रांसफर करवा दिया जाता है। इस प्रक्रिया से पहले बैंक अपने ग्राहक को इसकी सूचना भी दे देता है।
अगर आपका बैंक अकाउंट है तो आप विशेष ध्यान रखे की आप उसमें नियमित समय से ट्रांजेक्शन कर रहें है, और अगर आपके पास एक से ज़्यादा बैंक खाते हैं या अगर आपका कोई खाता आपके उपयोग में नहीं आ रहा है तो उसे बंद करवा दे। इसके अलावा अगर आपका कोई खाता बैंक द्वारा इनएक्टिव कर दिया गया है तो तुरंत अपने बैंच में संपर्क करे और उस खाते को दोबार एक्टिव करवा ले।